वर्चस्व की लड़ाई में हुई इम्तियाज की हत्या-पीयूसीएल

सोनभद्र । ई-टेंडरिंग खनन प्रक्रिया में नाजायज सिंडिकेट के वर्चस्व की लड़ाई में हुई चोपन नगर पंचायत अध्यक्ष व खनन व्यवसायी इम्तियाज अहमद की हत्या की जांच की मांग पीयूसीएल ने शासन व राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को पत्र भेजकर किया गया।

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पीयूसीएल के प्रदेश संगठन सचिव विकास शाक्य ने कहा कि इस मामले की पीयूसीएल की टीम ने जांच पड़ताल किया। कहा कि ई-टेंडरिंग की प्रक्रिया से जनपद में खनन माफियाओं ने आपसी गठजोड़ करके पावर के केन्द्र बनने लगे। जिससे वर्चस्व की जंग शुरू हो गयी और इस वर्चस्व की लड़ाई में लोग सुपारी पर भी अपराध कराने लगे है। खनन क्षेत्र में नामी गिरामी बड़े नाम वाले अपराधी दखल करने लगे है और कुछ बड़े खनन व्यवसायी  इन लोगो को अपने साथ शामिल कर खनन के प्रतिस्पर्धा में हत्यायें भी कराना शुरू कर दिए है। इम्तियाज की हत्या की सुपारी एक तथाकथित खनन व्यवसायी ने चार माह पूर्व ही दी थी। क्योंकि खनन के ई-टेंडरिंग की दूसरी धुरी बने इम्तियाज ने उसे अपने सिंडिकेट में शामिल करने से इनकार कर दिया था। बाद में वाराणसी में पंचायत हुआ और करोड़ों रुपये की डील हुई। दाव-पेंच की लड़ाई में दो बड़े खनन व्यवसायी को हुए 3-3 करोड़ के घाटे का जिम्मेदार इम्तियाज को मानते थे। ई-टेंडरिंग के दूसरे पावर ग्रुप में बगैर पैसा खर्च किये शामिल होने के उद्देश्य में दहशत कायम करके इम्तियाज को डराकर ई-टेंडरिंग के पावर ग्रुप में शामिल होने के लिए ये घटना किसी दूसरे के माध्यम से कराया गया जो पकड़े गए शूटर भी नही जानते है। खनन के जरायम का बढ़ावा पुलिस भी दे रही है। इम्तियाज की हत्या के बाद पुलिस की जांच प्रकिया संदिग्ध है। इसलिए पीयूसीएल इस घटना की पुलिस एवं मजिस्ट्रेटिक जांच पर सवाल उठाते हुए एसआईटी न्यायिक जांच की माँग करते हुए पुलिस की जांच प्रकिया एवं मजिस्ट्रेटिक जांच बैठाने पर सवाल उठाया है। पीयूसीएल ने कई महत्वपूर्ण तथ्य खंगाले है। जिसके बावत विस्तृत रिपोर्ट के साथ आयोग एवं शासन को अवगत कराने के बाद भी कार्यवाही नही हुई तो पीयूसीएल उच्चस्तरीय जांच के लिए उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल करेगी।

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