मेनका गांधी ने यौन उत्पीड़न के मामलों का खुलासा करने के लिए महिलाओं को सराहा
मीडिया को कभी चुप नही रहना चाहिए-शिव प्रताप शुक्ला
हमेशा सच के साथ खड़ा रहे मीडिया –साध्वी निरंजन ज्योति
नई दिल्ली, 28 अक्टूबर, केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री ने सनसनीखेज खुलासा करते हुए कहा कि भारत में 87फीसदी महिलाएं कार्यस्थल पर पहले साल के दौरान किसी न किसी प्रकार के यौन उत्पीड़न का शिकार होती हैं। ये महिलाएं सामान्य तौर पर इस तरह की घटनाओं के बारे में लोगों को बताती नही हैं क्योंकि इसके साथ सामाजिक लांछना व शर्म जुड़ी होती है।
सुश्री मेनका गांधी आज यहां कांस्टीट्यूशन क्लब आफ इंडिया में इंडियन फेडरेशन आफ वर्किंग जर्नलिस्ट (आईएफडब्लूजे) के 69 वें स्थापना दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रुप में देश भर से आए 350 से अधिक पत्रकारों को संबोधित कर रही थीं। कांस्टीट्यूशन क्लब के स्पीकर हाल में हुए इस भव्य समारोह में तीन केंद्रीय मंत्री, दो सांसद,दर्जनों गणमान्य अतिथि, कई मीडिया समूहों के संपादक और देश के 11 राज्यों से आए आईएफडब्लूजे के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
अपने संबोधन में मेनका गांधी ने इस बात पर संतोष जताया कि आज जब पारंपरिक मीडिया समृद्ध लोगों के हाथ में केंद्रित हो गया है तब सोशल मीडिया उसकी काट के रुप में सामने आ गया है। जिसने पूंजीवादी मीडिया घरानों के नियंत्रण को तोड़ दिया है। आज कोई भी खबर टीवी चैनल या अखबार छिपा नही सकते हैं। लेकिन साथ में उन्होंने दुख व्यक्त किया कि फेक न्यूज पर कोई नियंत्रण न होने से वह किसी का चरित्रहनन करने में सक्षम है। श्रीमती गांधी ने बताया कि उनके मंत्रालय की पहल पर निजी संस्थानों में भी आंतरिक शिकायत समिति का गठन हो चुका है जो महिलाओं की यौन उत्पीड़न संबंधित मामलों की सुनवाई कर तुरंत एवं प्रभावी कारवाई करती हैं। पिछले दो-तीन वर्षों के भीतर हमें 20000 से ज्यादा इस तरह की शिकायतें मिली हैं जिसका प्रभावी ढंग से निवारण किया गया है। उन्होंने पत्रकारों से आग्रह किया कि वे सकारात्मक समाचारों के लिए भी थोड़ी जगह व समय दें जिससे समाज में व्याप्त हताशा एवं कुंठा के वातावरण को पस्त किया जा सके।
केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री शिवप्रताप शुक्ला ने अपने उद्बोधन में कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी के लिए पत्रकारों को हमेशा सतर्क रहना होगा। इमरजेंसी में अपनी गिरफ्तारी के दौरान मीडिया पर लगाए गए अंकुश का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि मीडिया को खत्म करने के लिए मीसा जैसे कानून बनाए गए थे फिर भी उसे दबाया नही जा सका।
केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने कहा कि मीडिया का महत्व अनंत काल से चला आ रहा है और इसे कभी भी खत्म नहीं किया जा सकता है। प्रतापगढ़ के सांसद हरिवंश सिंह के अपना व्यक्तिगत उदाहरण देते हुए कहा कि अगर मीडिया ने उनका साथ नही दिया होता तो गुंडे लोग उनका व उनके परिवार का सफाया कर चुके होते। उन्होंने यह भी कहा कि पूंजी के बढ़ते प्रभाव ने मीडिया कर्मियों की आजादी को खतरे में डाला है। मछलीशहर उत्तर प्रदेश से लोकसभा सदस्य रामचरित्र निषाद कार्यक्रम की भव्यता से इतने ओतप्रोत हुए कि उन्होंने वायदा किया कि
आईएफडब्लूजे के 70 वें स्थापना दिवस के मौके पर वे जहां कहीं भी होंगे अवश्य शामिल होंगे।
स्थापना दिवस की खास बात यह रही कि देश की पांच जानी मानी हस्तियों को आईएफडब्लूजे ने सम्मानित किया जिनमें असम, यूपी पुलिस एवं बीएसएफ के पूर्व महानिदेशक पद्मश्री प्रकाश सिंह शामिल थे। प्रकाश सिंह का पुलिय व्यवस्था में सुधार के लिए अतुलनीय योगदान है। जैविक खेती के परचम को देश दुनिया में लहराने वाले बस्तर के किसान व उद्यमी डा. राजाराम त्रिपाठी दूसरे सम्मानित होने वाले व्यक्ति थे। डा. त्रिपाठी बस्तर के आदिवासी अंचल में हजारों नवयुवकों को जैविक खेती से जोड़ कर मुख्यधारा में ला चुके हैं। सामाजिक कार्यकर्त्ता एवं संस्कार भारती से जुड़े ओमप्रकाश श्रीवास्तव,उद्यमी एवं सामाजिक सरोकारों से जुड़े डा. मिथिलेश कुमार त्रिपाठी व देश के जाने माने पत्रकार एवं प्रतिष्ठित लेखक अरविंद कुमार सिंह को भी स्थापना दिवस के मौके पर विशेष रुप से सम्मानित किया गया।
विभिन्न राज्यों प्रतिनिधियों ने प्रतीक चिन्ह भेंट कर माननीय अतिथियों का स्वागत किया। आईएफडब्लूजे के उपाध्यक्ष हेमंत तिवारी ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए संगठन की गतिविधियों के बारे मं बताया। महासचिव परमांनद पांडे ने संक्षेप में आईएफडब्लूजे की स्थापना के बारे में बताया। मंच का संचालन आईएफडब्लूजे सचिव सिद्धार्थ कलहंस ने किया।
स्थापना दिवस समारोह में प्रमुख रुप से उपस्थित होने वालों में आईएफडब्ल्यूजे महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष रामकिशोर त्रिवेदी, आईएफडब्लूजे के सचिव रणदीप घंगस व के असदुल्लाह, कोषाध्यक्ष रिंकू यादव, कार्यकारिणी सदस्य संजय दिवेदी,चंद्रशेखरम, एमपी अग्रवाल, विधि सलाहकार मोहनबाबू अग्रवाल, अनुपम शास्त्री, राजस्थान से चंद्रमोहन मरवटिया,दिनेश अधिकारी, मध्य प्रदेश से अवधेश भार्गव, असम से टूटुमोनि फूंकन, पंजाब चंडीगढ़ से उपेंद्र पांडे, हरियाणा से संजय जैन, मयंक तिवारी एवं त्यागी, इंडियन एक्सप्रेस इंप्लाईज यूनियन के अधयक्ष नंदकिशोर पाठक, महामंत्री सीएस नायडू,स्टेटसमैन यूनियन के महावीर जैन,डीयूडब्लूजे के अध्यक्ष ए.एस. नेगी, गीता रावत, अशोक शर्मा, टाइम्स यूनियन के सी.के.पांडे, दैनिक भास्कर के मंगल कुमार, मंगतराम शर्मा शामिल थे।
उत्तर प्रदेश से आए साथियों श्याम बाबू,टीबी सिंह, भास्कर दुबे, मो. कामरान,उत्कर्ष सिन्हा, हेमंत शुक्ला, राजेश महेश्वरी, विजय शंकर चतुर्वेदी, संतोष गुप्ता, मो. मुजम्मिल हुसैन, राजेश मिश्रा,अजय त्रिवेदी, विकास शर्मा, मोहन शर्मा ने समारोह में खास मौजूदगी दर्ज करायी।