वनाधिकार सम्मेलन का आयोजन खेल मैदान में हुआ,सम्पन्न

@भीमकुमार

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दुद्धी। आज खेल मैदान पर वनाधिकार सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमे जनमंच के संयोजक पूर्व आई0 जी0 एस आर दारापुरी ने कहा की आरएसएस आजतक आदिवासी को आदिवासी नहीं कहता क्योंकि आदिवासी को पहचान देते ही उसकी हिन्दुत्व की राजनीति का माडल और सिद्धांत ध्वस्त हो जाता है। इतना ही नहीं आरएसएस का राजनीतिक माडल मूलतः कारपोरेट की सेवा के लिए है। आरएसएस और इसके राजनीतिक संगठन भाजपा की ताकत बढ़ने का मतलब आदिवासियों व वनवासियों की बड़े पैमाने पर तबाही है। जहां-जहां इनकी सरकारें है वहां आदिवासियों की बेदखली, उनका उत्पीड़न और हत्याएं हो रही है।

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वही कार्यक्रम में मौजूद स्वराज अभियान के नेता दिनकर कपूर ने कहा कि दुद्धी का भविष्य लोकतांत्रिक राजनीति में ही है। आज जो कारपोरेटपरस्त राजनीति चल रही है उसमें दल चाहे जो हो वह जनता को कुछ नहीं दे सकते। दुद्धी में ही इस सरकार ने झारों, तुर्रीडीह, भीसुर, कटौली, मझौली, गम्भीरपुर, पिण्डारी, अमवार, मधुबन, खैरटिया आदि तमाम गांवों में हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी आदिवासियों व वनवासियों पर वन विभाग ने मुकदमा कर दिया है। उन्होंने कहा कि मुकदमा करने वाले अधिकारी हाईकोर्ट की अवमानना कर रहे है वह अपनी इस उत्पीड़न की कार्यवाही पर रोक लगाए अन्यथा उनके विरूद्ध हाईकोर्ट में अवमानना का मुकदमा होगा। सम्मेलन की अध्यक्षता तुर्रीडीह के प्रधान विध्वंस घसिया और संचालन मुरता प्रधान डा0 चंद्रदेव गोंड़ ने किया। सम्मेलन को पूर्व प्रमुख जगनारायण गोंड़, पूर्व प्रधान गोपाल सिंह गोंड़, पूर्व प्रधान मनराज सिंह गोंड़, सुरेन्द्र कुमार पोया, नंदकेश्वर गोंड़, कृपाशंकर पनिका, मान सिंह गोंड़, श्याम सुदंर गोंड़, राम उजागिर गोंड़, मोहर सिंह, श्याम सुदंर खरवार, मंगरू प्रसाद श्याम, शम्भूनाथ कौशिक ने अपनी बात रखी।

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