नईं दिल्ली 23 अक्टूबर।सुप्रीम कोर्ट ने दीवाली से ठीक पहले पटाखों के बैन पर बड़ा फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि देश में पटाखों पर पूरी तरह बैन नहीं लगाया जा सकता है। कोर्ट ने कहा कि सुरक्षित और ग्रीन पटाखों का निर्माण और बिक्री पहले की तरह जारी रहेगी। जस्टिस एके सीकरी और जस्टिस अशोक भूषण की पीठ ने यह फैसला सुनाया है।
फैसले के मुताबिक अब केवल लाइसेंसी विक्रेता ही पटाखों की बिक्री कर सकेंगे और इनकी ऑनलाइन बिक्री पर पूरी तरह रोक रहेगी. कोर्ट ने कहा कि इसके बाद भी यदि कोई पटाखे की ऑनलाइन बिक्री करता है तो उसके खिलाफ कोर्ट की अवमानना का केस चलेगा. इसके अलाव लोग रात 8 से 10 के बीच ही पटाखे जला सकेंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने पहले कहा था कि प्रतिबंध से जुड़ी याचिका पर विचार करते समय पटाखा उत्पादकों के आजीविका के मौलिक अधिकार और देश के 1.3 अरब लोगों के स्वास्थ्य अधिकार समेत विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखना होगा। कोर्ट ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 21 (जीवन के अधिकार) सभी वर्ग के लोगों पर लागू होता है और पटाखों पर देशव्यापी प्रतिबंध पर विचार करते समय संतुलन बरकरार रखने की जरूरत है।
न्यायालय ने केंद्र से प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिये उपाय सुझाने के लिए कहा था। कोर्ट ने सरकार से यह भी पूछा था कि पटाखे पर प्रतिबंध लगाने से जनता पर क्या प्रभाव पड़ेगा। बता दें कि सर्दियों की दस्तक होते ही राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण बढ़ने लगा है। यहां हवा की गुणवत्ता खराब स्तर पर पहुंच गई है।
देश के अन्य बड़े शहरों में भी सर्दी का मौसम शुरू होते ही प्रदूषण बढ़ने लगता है। दीवाली के मौके पर पटाखों के धुएं से प्रदूषण और अधिक बढ़ने की आशंका होती है। हालांकि पटाखों पर बैन को लेकर यह बहस भी चल रही है कि त्योहार से ठीक पहले पटाखों पर बैन कैसे लगाया जा सकता है।
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