गिद्ध राज जटायु के ,पर काट रथ को आगे ले गया रावण
पंकज सिंह/रोहित सिंह@sncurjanchal
म्योरपुर में चल रही रामलीला मंचन के 10वे दीन सीता हरण का लीला बड़े ही मनमोहक अंदाज में दिखाया गया सुपर्णखा की बात सुन रावण ने माता सीता का हरण करने के लिए मामा मारीच के पास जाता है मामा मारीछ द्वारा रावण का आरती किया जाता है तथा आने का कारण पूछा जाता है रावण बताता हैं की पंचवटी में जाकर तुम सोने का मृग बन जाओ आप मैं साधु बन सीता हरण कर लूंगा रावण की बात सुन मामा मारीच द्वारा रावण को समझाने का प्रयास किया जाता है लेकिन अधम अधर्मी रावण मामा मारीच का एक नहीं सुनता है मामा मारीच पंचवटी पहुंच कुटिया में बैठे प्रभु श्री राम माता सीता व लक्ष्मण जी के सामने से गुजरता है मनमोहक मृग देख माता सीता प्रभु से आग्रह करती है मृग पकड़ कर लाए माता के बातों को सुन राम जी मृत पकड़ने के लिए जाते है मृग पकड़ने में बिलम होता देख माता सीता लक्ष्मण जी को कहती है प्रभु किसी मुसीबत में है आप लजाइए और उन्हें देखिए वही लक्ष्मण जी द्वारा लक्ष्मण रेखा पंचवटी में खींची जाती है और माता सीता से आग्रह किया जाता है आप किसी भी परिस्थिति में केइस रेखा को पार नही जाएगा वहीं माता सीता को अकेला देख रावण साधु के भेष में आता है वह भिक्षा मांगता है माता जब उसे भिक्षा देती हैं जैसे ही और रेखा के नजदीक आता है अग्नि जलने लगती हैं जिससे रावण कहता है बंधी भिच्छा नहीं लेगा जोगी भले भूखा मर जाएगा साधु को भूखा सुन माता सीता लक्ष्मण रेखा पार कर जैसे ही भिक्छा देने के लिए निकलती है रावण द्वारा माता का हरण कर लिया जाता है रावण अपने पुष्पक विमान से माता सीता को लेकर रावण लंका पुरी को चलता है उधर रास्ते में गिद्ध जटायु माता सीता को ले जाते देख रावण से युद्ध करते हैं जटायु से युद्ध के दौरान रावण एक बार मूर्छित भी होता है लेकिन बलवान रावण के सामने गिद्ध राज जटायु की एक नहीं चलती रावण द्वारा जटायु का पंख काट दिया जाता है जिससे गिरा जटायु जमीन पर गिर जाते हैं वही माता सीता अपना कुंडल किष्किंधा पर्वत पर फेंक देती है जिसे सुग्रीव महाराज अपने पास रख लेते हैं रामलीला में प्रभु श्री राम का दर्शन करने पहुचे मुख्य अतिथि पूर्व ब्लाक प्रमुख/ब्लाक प्रमुख वर्तमान ब्लाक प्रमुख प्रतिनिधि संजय यादव रामलीला मंच पर पहुंच प्रभु श्री राम का माल्यार्पण कर उनका आशीर्वाद लेते हैं अपने संबोधन में श्री यादव ने कहा कि सत्य परेशान हो सकता है लेकिन पराजित नहीं रावण द्वारा सीता माँ का हरण किया जाता है प्रभु माता को खोजने के लिए वन वन विचरण करते हैं लेकिन अंत समय रावण को वीरगति प्राप्त होती है इसलिए प्रभु श्रीराम के आदर्शों पर आज हमें चलने की जरूरत है इस दौरान महाप्रबंधक गौरी शंकर सिंह अध्यक्ष विरेंद्र सोनी कोषा अध्यक्ष पंकज सिंह सह कोषाध्यक्ष अंकित जयसवाल जउपाध्यक्ष जितेंद्र गुप्ता महामंत्री जितेंद्र अग्रहरी राहुल जयसवाल मंत्री संदीप अग्रहरी बसंत लाल पासवान अवधेश सिंह तथा मण्डली के अध्यधा हृदय अग्रहरि,व्यास की भूमिका में आशीष अग्रहरि मंचन की भूमिका में अजय अग्रहरी श्री राम की भूमिका में संदीप पांडे,लक्ष्मण अंकित अग्रहरि सीता रोहित कुमार,सुनील,प्रकाश नजर आये।