डाला/ सोनभद्र(गिरीश तिवारी) श्री अचलेश्वर महादेव मंदिर के 51वें स्थापना दिवस के अवसर पर शनिवार को देर सायंकाल मानस प्रवचन का आयोजन किया गया है ।कार्यक्रम की शुरुवात पूर्व बिधायिका रुबी प्रसाद ने दिप प्रज्वलित कर रामायण पर पुष्प अर्पित करके कीया|
जानकारी के अनुसार दिल्ली से पधारे ड़ा0 आनंद वर्धन ने द्वारा मंदिरो की स्थापना , सामाजिक महत्व एवं सनातन परम्परा के कर्मकांड पर प्रकाश डालते हुए बताया की पुरोुहित समाज को जागृत करने वाले व्यक्ति होता है,ब्राम्हण ब्रम्ह का मिशांश शक्ति है|सम्यक का जो प्रग्या देता है वह समप्रदाय है|ब्यास के परंपरा के अनुसार सनातन धर्म चलता है|भगवान शिव का पाचवॉ मुख ईशान है
, बिना भूमि का परिक्षण कर मंदिर नही बनाया जाना चाहिए,हमारा शास्त्र कहता है पृथ्वी गोल है,मंदिर स्वंम में एक लघु ब्रम्हांण्ड है,गर्भ स्वंम देवत्य है,यथा पिण्डे़ तथा ब्रम्हाण्डे मदिर से स्वंम एक ब्रम्हाण्ड़ है,बिना ओमंकार के मन्त्र नही है,मन से त्राण दे वह है मंन्त्र,साकर एक विकृित है,मदिर का निर्माण दो कारणों से हुआ है पहला पूजा दुसरा ध्यान |शरीर रुपे किले में जो सो रहा वह पुरुष है ,पुरुष साक्षात परमेश्वर का नाम है,मंदिर एक विराट पुरुष की संरचना है,मंदिर संस्कृित पर भारत की ही संस्कृति है|मानस प्रवचन बक्सर निवासी मानस मर्मज्ञ आचार्य मनीश कुमार पाण्डेय ने श्री राम कथा मे बताया की रामकथा सारी ममोकामनाओं पूर्ण करने के लिए कमाधेनू के समान है राम कथा से पूर्व संतो की बन्दना, रामकथा सारी मनोकामनाओं पूर्ण करने के लिए कमाधेनू के समान है,गुरु कृपा मात्र से सब कुछ संभव हो जाता है, सिय राम जग जानी करहु प्रनामु जोरी जुग पानी |मानस प्रवचन का संचालन संस्था के सचिव चन्द्र प्रकाश तिवारी ने की |इस दैरान मंदिर के मंहत पं0 मुरली तिवारी,सजावल पाठक, मुकेश जैन, नीरज द्विवेदी, रविन्द्र पाण्डेय, रमेश जैन, ओमप्रकाश तिवारी,सुर्य प्रकाश तिवारी,सनोज तिावरी,नीरज पाठक,राजवंश चौबे, जगदीश तिवारी, रतन लाल शर्मा , अमित देव पाण्डेय , सुजीत कुमार ,अजय शर्मा , अवध नाथ मिश्र , रुद्राक्षी, टीया, चंद्रावाती देवी ,जानकी आदि सैकडो़ लोग मौजूद रहे|