लेखपालों संघ के 27 पदाधिकारियो पर विभिन्न थानों में एफआईआर दर्ज,131 प्रशिक्षु लेखपालों को सेवा समाप्ति की नोटिस जारी

सोनभद्र।प्रदेश सरकार और लेखपालों के बीच आमने सामने की जंग छिड़ गई है जिसके बाद प्रदेश सरकार के निर्देश पर जिले स्तर पर लेखपालों के ऊपर मुकदमे समेत तमाम कार्यवाही की जा रही है ताकि लेखपाल संवर्ग हड़ताल छोड़कर वापस काम पर लौट जाय वही लेखपालो को ये कत्तई गवारा नही है वे भी इस बार आर पार की लड़ाई लड़ना चाहते है।

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वेतन वृद्धि कराने समेत विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलित हुए लेखपालों पर तहसील प्रशासन ने कार्रवाई शुरू कर दी है। शुक्रवार को देर रात लेखपाल संघ के कुल 27 पदाधिकारियों के खिलाफ विभिन्न थानों में एफआइआर दर्ज कराई गई। इसके साथ ही 131 प्रशिक्षु लेखपालों को सेवा समाप्ति की नोटिस दी गई। उन्हें चेतावनी दी गई कि अगर सोमवार तक काम पर नहीं आए तो आगे की कार्रवाई कर दी जाएगी।

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सदर एसडीएम शादाब असलम ने बताया कि हड़ताली लेखपालों में लेखपाल संघ के तहसील स्तरीय सात व जिला स्तरीय पांच पदाधिकारियों के खिलाफ राब‌र्ट्सगंज कोतवाली में एफआइआर दर्ज कराई गई है। इसके साथ ही 66 प्रशिक्षु लेखपालों को सेवा समाप्ति की नोटिस दी गई है। कहा गया है कि सोमवार तक काम पर लौट जाय। अन्यथा आगे की कार्रवाई कर दी जाएगी। इसी तरह दुद्धी एसडीएम विशाल यादव ने बताया कि तहसील लेखपाल संघ के आठ पदाधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के लिए तहसीलदार को कोतवाली भेजा गया है। यहां के 42 प्रशिक्षु लेखपालों को सेवा समाप्ति की नोटिस दी गई है। घोरावल एसडीएम राजकुमार ने बताया कि पांच पदाधिकारियों पर एफआइआर दर्ज करायी गई और 23 प्रशिक्षु लेखपालों को नोटिस दी गई है।

बताते चके की आठ सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदेश पर में लेखपाल आंदोलन रत है।आंदोलन कर रहे लेखपालों ने अपनी मांगों को बताया कि वेतन उच्चीकरण के तहत ग्रेड पे दो हजार से बढ़ाकर 2800 रुपये किया जाय। वेतन विसंगतियों को दूर किया जाए। बताया कि समान कार्य के लिए समान सेवा अवधि पर कुछ लेखपालों का ग्रेड-पे समान किया जाय। वहीं 2005 से पूर्व चयनित लेखपालों को पुरानी पेंशन व्यवस्था का लाभ दिये जाने की मांग की। भत्तों में वृद्धि के संबंध में बताया कि अभी भी लेखपालों को नियत यात्रा भत्ता के रूप में सौ रुपये व स्टेशनरी भत्ता के रूप में 100 रुपये दिए जाते हैं, जो अव्यवहारिक है। लेखपालों ने यात्रा भत्ता को बढ़ाकर दो हजार व स्टेशनरी भत्ता 750 रुपये करने की मांग की है। वहीं राजस्व परिषद द्वारा प्रस्तावित राजस्व उपनिरीक्षक सेवा नियमावली 2017 को कैबिनेट में पारित किया जाय। लैपटाप और स्मार्ट फोन दिया जाय, जिससे आय, जाति व निवास की रिपोर्ट सही समय पर लगाया जा सके। इसके साथ ही प्रोन्नति के अवसर उपलब्ध कराने के साथ लेखपालों को बैठने के लिए तहसील परिसर में मूलभूत सुविधाएं दी जाय।

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