*स्टाप नर्स को पैसा मरीज द्वारा नही मिलने पर कर दिया जाता रेफर
पंकज सिंह/रोहित सिंह@sncurjanchal
म्योरपुर स्थित सीएचसी पर इनदिनों भरस्टाचार चरम सीमा पर है आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र होने के कारण यहाँ प्रतिदिन दो चार प्रसव के केश आते रहते है ग्रामीणों में चर्चा है कि सीएचसी पर तैनात स्टाप नर्स का व्यवहार मरीजो के प्रति बहुत ही खराब है जो गरीब आदिवासी यहाँ सरकारी द्वारा चलाई जा रही जनकल्याणकारी योजना एंबुलेंस 102 की मदद लेकर एंबुलेंस से सीएचसी आता है और अस्पताल में अपने पेशेंट को भर्ती कर आता है उसके बाद स्टाफ नर्सों का गोरख धंधा शुरू हो जाता है पहले तो वह डिलीवरी के नाम पर समय घंटा दो घंटा लेती है फिर कहती है की स्थिति गंभीर है प्रसव होने के बाद अगर 500 रुपये दोगे तो हाथ लगाएंगे अन्यथा बाहर ले जाओ गरीब आदिवासी क्या करें मजबूरन 500 देने की हामी भर लेता है हामी भरने के घंटे 2 घंटे बाद उसके परिवार को स्टाफ नर्सों द्वारा नॉर्मल डिलीवरी करा दी जाती है जो मरीज इन्हें पैसा देने से इंकार कर देता है उसको इनके द्वारा रेफर कर दिया जाता है कभी-कभी उन रेफर मरीजों का प्रसव या तो एंबुलेंस में हो जाता है या किसी प्राइवेट गाड़ी में।गड़िया निवासी हृदय नरायण ने बताया कि मेरा परिवार रीता देवी का किरीब 15 दिन पहले प्रसव हुआ था प्रसव के बाद स्टाप नर्स द्वारा मुझसे 500 रुपये लिये गया मैन विरोध भी किया लेकिन नर्स द्वारा मुझे कहा गया कि इतना पैसा लगता है मैं गरीब आदमी क्या करूँ उनकी मांग को पूरा किया और नर्स को 500 तथा दाई को साफ सफाई के लिये 200 रुपया नगद दिया हृदय नरायण ने अपनी मजबूरी बया करते हुए कहा कि आखिर इन स्टाप नर्स का गरीबो के साथ शोषण कब रुकेगा वही सीएचसी प्रभारी डाक्टर फिरोज का कहना है कि मामला संज्ञान में नही है मामले की जांच कर दोषी पाये जाने पर स्टाफ नर्स पर कार्यवाही कि जाएगी।