गीतों के रूप में सब के दिलों में जिंदा रहेंगे कवि सरोज: मिथिलेश द्विवेदी
सोनभद्र(सर्वेश श्रीवास्तव)। गीतों के रूप में सबके दिलों में जिंदा रहेंगे सरोज सिंह। उक्त बातें शनिवार को देर शाम सोन साहित्य संगम के नगर स्थित कार्यालय में कवि सरोज सिंह की स्मृति में आयोजित श्रद्धाजंलि सभा मे सोन साहित्य संगम के निदेशक पंडित मिथिलेश प्रसाद द्विवेदी ने सभा की अध्यक्षता करते हुए कही। उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षा के अतिरिक्त साहित्य के क्षेत्र में अपने गीतों के माध्यम से कम समय मे
उन्होने जो मुकाम हाँसिल किया वह सदैव स्मरणीय रहेगा। संचालन संस्था के संयोजक कवि एवम अधिवक्ता राकेश शरण मिश्र ने किया। वरिष्ठ साहित्यकार पारसनाथ मिश्र एवम राष्ट्रीय
कविमंचो की नामचीन कवियत्री डॉ रचना तिवारी ने उनकी स्मृतियों को साझा करते हुए कहा कि सरोज सिंह की कालजयी रचनायें कभी भी भुलाई नही जा सकती। गीतकार जगदीश पंथी एवम साहित्यकार ओम प्रकाश तिवारी ने रुंधे कंठ से उनके तमाम संस्मरणों को सुनाते हुए अपनी भावभीनी
श्रद्धाजंलि अर्पित की। सभा मे उपस्थित कवि अमरनाथ अजेय एवम दिवाकर द्विवेदी मेघ ने कहा कि साहित्य के क्षेत्र में उनका योगदान भुलाया नही जा सकता। कवि अशोक तिवारी एवं प्रद्युम्न त्रिपाठी ने अपनी श्रद्धाजंलि अर्पित करते हुए कहा कि सरोज सिंह एक शानदार गीतकार के रूप में सदैव याद किये जाएंगे। कवि धर्मेश चौहान एवम कवियत्री कौशल्या कुमारी ने
कहा कि सरोज सिंह ने कम समय मे साहित्यकारों के बीच मे जो स्थान बनाया वह अनुकरणीय है। राधेश्याम पाल ने अपने गजल के माध्यम से अपनी श्रद्धाजंलि अर्पित की। वही दीपक कुमार केशरवानी कहा कि सरोज सिंह का साहित्यिक योगदान वंदनीय रहेगा। इसके अलावा साहित्य के प्रति अनुराग रखने वाले अधिवक्ता प्रदीप धर द्विवेदी, कृपाल मधेशिया, रामजी दुबे, मनोज तिवारी सहित दर्जनों कविता प्रेमियों ने अपनी अश्रुपूरित-श्रद्धाजंलि अर्पित किया।