सोनभद्र(सर्वेश श्रीवास्तव/संगम पांडेय)। जिले में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने गुरुवार को शांति पूर्ण ढंग से अकीदत के साथ ईदुलअजहा बकरीद की नमाज अदा किया। इसी क्रम में सलखन के सुईयां चट्टान मस्जिद व शाहगंज मस्जिद, ईदगाह घोरावल में गुरुवार

को सुबह 8 बजे ईद उल अजहा (बकरीद)की नमाज़ बड़े अकीदत और शांति पूर्ण माहौल में अदा की गई। सलखन के इमाम मौलाना गुलाम रब्बानी ने नमाज पढ़ाई। वहीं नमाज पढ़ने के बाद मुस्लिम भाइयों ने एक दूसरे से गले मिलकर ईद उल अजहा का मुबारकबाद दिए। इसी तरह जिले के सभी इर्द

गाहों में शांति पूर्ण वातावरण में बकरीद की नमाज अदा की गई। इस्लामिक कैलेंडर के हिसाब से बकरीद का त्योहार 12वें महीने की 10 तारीख को मनाया जाता है। रमजान का महीना खत्म होने के 70 दिन के बाद बकरीद का त्योहार मनाया जाता है। इस दौरान ईदगाह घोरावल मे एसडीएम रमेश कुमार व घोरावल क्षेत्राधिकारी अमित कुमार व पुलिस के जवान जनपद के सभी ईदगाह मे सुरक्षा व्यवस्था मे लगें रहे।

बकरीद के दिन आखिर क्यों दी जाती है कुर्बानी

इस्लामिक मान्यता के अनुसार हजरत इब्राहिम अलैहिस्सलाम अपने पुत्र हजरत इस्माइल अलैहिस्सलाम को इसी दिन खुदा के हुक्म पर खुदा की राह में कुर्बान करने जा रहे थे तो अल्लाह पाक ने जन्नत से एक दुम्बा भेजकर उनके पुत्र को जीवनदान दे दिया थे. उन्हीं की याद में यह पर्व मनाया जाता है. ये कुर्बानी पैगम्बर इब्राहीम अलैहिस्सलाम के जमाने में शुरू हुई। इस्लाम में कई सारे पैगम्बर आये हैं, पैगम्बर अल्लाह के दूत या मैसेंजर को कहा जाता है।
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