- 18 अक्तूबर को न्यायालय के समक्ष हाजिर होकर अपना पक्ष रखने एवं अभियुक्त को कोर्ट में हाजिर करने का आदेश
- अभियुक्त रामसजीवन को 3 माह से तलब करने के बावजूद कोर्ट में हाजिर न कराने का मामला
- एडीजे प्रथम अदालत ने कहा कि हाईकोर्ट के एक्शन प्लान के तहत नहीं हो पा रहा निस्तारण
सोनभद्र। अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम खलीकुज्ज्मा की अदालत ने वृहस्पतिवार को सुनवाई करते हुए अभियुक्त रामसजीवन को 3 माह बाद भी जेल से कोर्ट में हाजिर न करने पर लापरवाही का द्योतक मानते हुए वरिष्ठ अधीक्षक केंद्रीय कारागार नैनी, प्रयागराज के विरुद्ध धारा 349 सीआरपीसी की नोटिस जारी किया है। साथ ही आगामी 18 अक्तूबर को न्यायालय के समक्ष उपस्थित होकर अपना पक्ष रखने के साथ ही अभियुक्त रामसजीवन को कोर्ट में हाजिर करने का आदेश दिया है।
बता दें कि वरिष्ठ अधीक्षक केंद्रीय कारागार नैनी, प्रयागराज ने 21 जुलाई 2022, 10 अगस्त 2022, 22 सितंबर 2022 व 28 सितंबर 2022 को भेजे रेडियोग्राम में यह अवगत कराया है कि फोर्स उपलब्ध नहीं होने के कारण ही अभियुक्त रामसजीवन को कोर्ट के समक्ष नहीं हाजिर किया जा सका है। मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि 3 माह से अभियुक्त रामसजीवन को नैनी जेल से तलब किया जा रहा है। लेकिन वरिष्ठ अधीक्षक केंद्रीय कारागार नैनी, प्रयागराज ने अभियुक्त रामसजीवन को कोर्ट में हाजिर नहीं किया। जिसे कोर्ट ने लापरवाही माना है। कोर्ट ने कहा कि वरिष्ठ अधीक्षक केंद्रीय कारागार नैनी, प्रयागराज कोर्ट से भेजे गए आदेश को गम्भीरता से नहीं लेते और न ही उसका अनुपालन करने में ही रुचि लेते हैं। जिसकी वजह से इस मामले का हाईकोर्ट के एक्शन प्लान के तहत निस्तारण नहीं हो पा रहा है। अतः धारा 349 सीआरपीसी के तहत वरिष्ठ अधीक्षक केंद्रीय कारागार नैनी, प्रयागराज के विरुद्ध नोटिस जारी किया जाए। साथ ही 18 अक्तूबर 2022 को न्यायालय में उपस्थित होकर अपना पक्ष प्रस्तुत करें एवं अभियुक्त रामसजीवन को कोर्ट में हाजिर करने का आदेश दिया है।