अधिवक्ताओं के सीओपी रजिस्ट्रेशन फीस 100 रुपये, नवीनीकरण की फीस 500 रुपये क्यों?



- यूपी बार काउंसिल के उपाध्यक्ष ने बैठक कर संशोधन की उठाई मांग
- सोनभद्र बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ने भी फीस वापस लेने की मांग उठाई
फोटो: 1-यूपी बार काउंसिल के उपाध्यक्ष जय नारायण पांडेय एडवोकेट, हाईकोर्ट लखनऊ।
2- यूपी बार काउंसिल के मनोनीत सदस्य राकेश शरण मिश्र एडवोकेट।
3- सोनभद्र बार एसोसिएशन अध्यक्ष महेंद्र प्रसाद शुक्ला एडवोकेट।
सोनभद्र। यूपी बार काउंसिल की ओर से अधिवक्ताओं के सीओपी के वेरिफिकेशन नवीनीकरण कराने के लिए जिले के बार एसोसिएशन अध्यक्षों को पत्रक भेजा गया है। जिसमें नवीनीकरण शुल्क 500 रुपये अधिवक्ताओं को देना होगा। शुल्क को लेकर अधिवक्ताओं ने विरोध जाहिर करते हुए संशोधन की मांग उठाई है।
बता दें कि पांच वर्ष पूर्व अधिवक्ताओं के सीओपी का रजिस्ट्रेशन शुल्क सिर्फ 100 रुपये लिया गया था। अब पांच वर्ष बाद अधिवक्ताओं के सीओपी का वेरिफिकेशन नवीनीकरण कराया जाना है तो उसकी फीस पांच गुना अर्थात 500 रुपये कर दिया गया है। जो अधिवक्ताओं के गले के नीचे नहीं उतर रहा है। यूपी बार काउंसिल के उपाध्यक्ष जय नारायण पांडेय एडवोकेट हाईकोर्ट लखनऊ ने 8 सितंबर को भेजे पत्रक में यूपी बार काउंसिल के अध्यक्ष से एक बैठक बुलाकर फीस में संशोधन करने की मांग उठाई है। यूपी बार काउंसिल के मनोनीत सदस्य राकेश शरण मिश्र एडवोकेट व सोनभद्र बार एसोसिएशन अध्यक्ष महेंद्र प्रसाद शुक्ला एडवोकेट ने कहा कि जब अधिवक्ताओं के सीओपी के रजिस्ट्रेशन का शुल्क 100 रुपये लगा था तो वेरिफिकेशन नवीनीकरण शुल्क पांच गुना अर्थात 500 रुपये क्यों लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यूपी बार काउंसिल के अध्यक्ष जी यह बताएं कि इतना ज्यादा फीस क्यों लिया जा रहा है और इससे अधिवक्ताओं को क्या लाभ मिलेगा। इसी प्रकार से अन्य अधिवक्ताओं ने भी विरोध जाहिर किया है।
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