रंजो हत्याकांड: दोषी पति को 10 वर्ष की कैद
- 25 हजार रुपये अर्थदंड, न देने पर 3 माह की अतिरिक्त कैद
- 13 वर्ष पूर्व रंजो ने आग लगाकर की थी आत्महत्या
- अर्थदंड की आधी धनराशि मृतका के पिता को मिलेगी
सोनभद्र। 13 वर्ष पूर्व आग लगाकर रंजो की हुई आत्महत्या के मामले में बुधवार को सुनवाई करते हुए अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम खलीकुज्ज्मा की अदालत ने दोषसिद्ध पाकर दोषी पति अरविंद को 10 वर्ष की कैद एवं 25 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 3 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। वहीं मृतका के पिता को अर्थदंड की आधी धनराशि दी जाएगी।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक राबर्ट्सगंज कोतवाली क्षेत्र के कम्हरिया गांव निवासी विजय पासवान पुत्र बसावन ने चोपन थाने में दी तहरीर में आरोप लगाया था कि उसकी बेटी रंजो उर्फ रंजू ने मिर्जापुर जिले के अहरौरा थाना क्षेत्र के बरबसपुर गांव निवासी अरविंद पुत्र आसाराम के साथ कोर्ट मैरिज किया था। दोनों चोपन थाना क्षेत्र के मुनगा टोला में किराए के मकान में रहते थे। 19/20 अगस्त 2009 की रात करीब एक बजे अरविंद व रंजो ने मकान में आत्महत्या करने की नीयत से आग लगा लिया और रंजो बुरी तरह से जल गई, जबकि अरविंद अधजला हाल में निकलकर भाग गया। शोरगुल सुनकर आसपास के लोग आ गए और दवा-इलाज के लिए जिला अस्पताल ले जाया गया जहां पर रंजो की मौत हो गई। इस तहरीर पर अरविंद के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की गई। पुलिस ने मामले की विवेचना किया और पर्याप्त सबूत मिलने पर विवेचक ने न्यायालय में अरविंद के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल किया। मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषी अरविंद को 10 वर्ष की कैद एवं 25 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 3 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। वहीं अर्थदंड की आधी धनराशि मृतका के पिता को मिलेगी। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी अपर जिला शासकीय अधिवक्ता कुंवर वीर प्रताप सिंह ने की।