जिले में अधिकारी सरकार को कर रहे बदनाम
करमा-सोनभद्र(वरुण त्रिपाठी)। राजस्व वसूली मामले में सुधाकर दुबे की राजस्व हवालात में हुई मौत के मामले में प्रशासन की बड़ी लापरवाही से न सिर्फ सरकार की छवि खराब हुई है बल्कि अभी भी प्रशासन लापरवाही कर रहा है। भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष धर्मवीर तिवारी ने कहा कि जिस तरीके से राजस्व बंदी गृह में सुधाकर दुबे की मौत हुई है उस मामले में अब तक तहसीलदार के ऊपर कोई कार्यवाही न होना और उसे सिर्फ रावर्ट्सगंज तहसील से हटाकर दुद्धी का
तहसीलदार बना देना यह दुर्भाग्यपूर्ण है । उन्होंने कहा कि सुधाकर दुबे के मामले में प्रशासन शुरू से लापरवाही कर रहा है । उन्होंने कहा कि जिस तरह से मौत की घटना के बाद प्रशासन द्वारा मृतक का पोस्टमार्टम नहीं कराया गया यह इस बात का प्रमाण है कि प्रशासन किस तरह शुरू से अपनी मनमानी कर रहा है । और अब तक जिम्मेदार पर कार्यवाही न करना इस बात को और भी पुख्ता करता है कि मृतक के साथ न्याय को लेकर प्रशासन कितना गंभीर है । मुख्यमंत्री का स्पष्ट आदेश है कि किसी गरीब को परेशान न किया जाय लेकिन इस मामले में जिस तरह से गरीब को पकड़कर हवालात में डाला गया यह कदापि न्यायसंगत नहीं है । श्री तिवारी ने कहा कि प्रशासन जब भी किसी बकायेदार को राजस्व हवालात में रखता है तो उसके पहले उसका स्वास्थ्य परीक्षण नहीं कराया जाता, जबकि यह प्रशासन की सबसे बड़ी चूक है । यदि मृतक सुधाकर दुबे का स्वास्थ्य परीक्षण हुआ होता तो शायद वह मेडिकल ग्राउंड पर बन्दी गृह में रखता और शायद उसकी जान नहीं जाती । भाजपा पूर्व जिलाध्यक्ष ने कहा कि जिलाधिकारी भले ही मजिस्ट्रियल जांच विठा दी हो मगर उनकी मंशा पर सवाल खड़ा होना शुरू हो गया है । जिस तहसील के मालिक एसडीएम होता है, उसकी जांच भी एसडीएम को देना इस बात का प्रमाण है कि सरकार को बदनाम करने के लिए प्रशासन पूरी तरह से लगा हुआ है । धर्मवीर तिवारी ने कहा कि वे इस पूरे मामले को लेकर सीएम को पत्र लिखे हैं ताकि मृतक परिवार को न्याय मिल सके । उन्होंने इस मामले में न्यायिक जांच की मांग की है ।