अंतरराष्ट्रीय मंच पर डॉ रचना तिवारी के गीतों ने सभी का मोहा मन
अवसर था पोलैंड वार्सा विश्वविद्यालय हिंदी चेयर डॉ सुधांशु शुक्ला के विदाई समारोह का
सोनभद्र(सर्वेश श्रीवास्तव)- सोनांचल की माटी की महक अब प्रख्यात गीतकार डॉक्टर रचना तिवारी के माध्यम से विदेशों में भी अपनी सुगंध से भारत को आलोकित करने लगे हैं। बीते दिनों ऐसा ही एक सुअवसर आया जब पोलैंड में उन्होंने अपने गीतों की प्रस्तुति से अंतरराष्ट्रीय साहित्य मंच को सोनांचल की सोंधी खुशबू से सुगंधित कर विश्व की बगिया को महका दिया।
जब पोलैंड वार्सा विश्वविद्यालय हिंदी चेयर के डॉ सुधांशु शुक्ला को दूतावास ने साहित्यिक भावभीनी विदाई आयोजित की और उसमें सोनभद्र से डॉ रचना तिवारी को अपने गीतों के माध्यम से समारोह को गुंजायमान करने हेतु आमंत्रित किया। डॉ रचना तिवारी की माने तो पोलैंड के भारतीय दूतावास में अमृत महोत्सव के अंतर्गत सम्पन्न हुए काव्य सम्मेलन में भारतीय संस्कृति ,समाज ,भाषा आदि सभी पक्षों पर काव्यपाठ के द्वारा भारत का यशगान किया गया । काव्य मंच का संचालन हिंदी चेयर डॉ सुधांशु शुक्ला ने किया। अंतरराष्ट्रीय कवि सम्मेलन में दिल्ली से सुप्रसिद्ध गीतकार बीएल गौड़ जी ने अपने गीतों से ”ऐ मेरी तन्हाई” पढ़कर सबको साहित्यिक समा में बांध दिया। पोलैंड निवासी डॉ प्योत्र ने कहा कि वह भारतीय संस्कृति से इतने प्रभावित हैं कि उन्होंने अपने कमरे को ही भारत बना दिया है। पोलैंड से ही उमेश नौनियाल जी भी उपस्थित से न केवल मंच की शोभा बढ़ाई बल्कि उसे गौरव भी प्रदान किया। वही अमेरिका से धनंजय कुमार ने दार्शनिक कविताओं मन से मैं बचपन रहा हूँ- -के माध्यम से सबको स्थिर कर दिया। कोटा के नरेश निर्भीक ने ‘मैं भारत माँ का बेटा हूँ–पढ़ कर राष्ट्र धारा बहाई और गरिमा पांडेय ने फर्रुखाबाद से तब जाकर के हमने गीत पाए– सुंदर गीत प्रवाहित किया । प्रख्यात गीतकार डॉ रचना तिवारी ने आशावादी गीत”माझी नैया पार लगेगी” पढ़कर प्रबुद्ध मंच पर लोगों को तालियां बजाने के लिए मजबूर कर दिया और अपने साहित्यिक ऊर्जा के संचार से प्रभावित कर दिया। कार्यक्रम में पोलैंड से मिशन प्रभारी एस के रे समेत कई अन्य हस्तियां भी उपस्थित रही।