पूनम हत्याकांड: पति, सास, ससुर को उम्रकैद

पूनम हत्याकांड: पति, सास, ससुर को उम्रकैद
* 50-50 हजार रुपये अर्थदंड, न देने पर दो-दो साल की अतिरिक्त कैद
* दहेज प्रताड़ना मामले में पति को तीन साल की अतिरिक्त कैद व 5 हजार रुपये अतिरिक्त अर्थदंड
* देवर मनीष, ननदें करिश्मा व डिंम्पल साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त
सोनभद्र। अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय राहुल मिश्रा की अदालत ने शुक्रवार को पूनम हत्याकांड के मामले में दोषसिद्ध पाकर दोषी पति मनोज अग्रहरि, सास निर्मला देवी व ससुर ओमप्रकाश अग्रहरि को उम्रकैद एवं 50-50 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर दो-दो साल की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। इतना ही नहीं दहेज प्रताड़ना के आरोप में पति को तीन साल की अतिरिक्त कैद एवं 5 हजार रुपये अतिरिक्त अर्थदंड की सजा सुनाई गई। वहीं देवर मनीष, ननदें करिश्मा एवं डिंम्पल को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त करार दिया।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक राबर्ट्सगंज कोतवाली में 7 अक्तूबर 2017 को दी तहरीर में चोपन रोड ओबरा निवासी गणेश प्रसाद अग्रहरि ने अवगत कराया था कि उसने अपनी बेटी पूनम की शादी वर्ष 2007 में राबर्ट्सगंज दीपनगर निवासी मनोज अग्रहरि के साथ किया था। ससुराल जाने पर दहेज की मांग को लेकर ससुराल वाले पूनम को प्रताड़ित करते रहते थे। मांग पूरी न होने पर पूनम को मारपीट कर भगा दिए थे। करीब दो साल बाद समझौता होने पर ससुराल वाले ले गए तथा दो लाख रुपये दुकान के नाम पर लिया। उसके बाद पुनः तीन लाख रुपये की मांग करने लगे। जब मांग पूरी नहीं हुई तो 4 अक्तूबर को सभी ने मिलकर पूनम को मार दिया। पूनम के सिर पर गम्भीर चोट लगी थी। इस तहरीर पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना किया। विवेचक ने पर्याप्त सबूत मिलने पर न्यायालय में चार्जशीट दाखिल किया। मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्को को सुनने, गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने के पश्चात दोषसिद्ध पाकर पति मनोज अग्रहरि, सास निर्मला देवी व ससुर ओमप्रकाश अग्रहरि को हत्या के मामले में उम्रकैद एवं 50-50 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर दो-दो साल की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। वहीं दहेज प्रताड़ना के आरोप में पति मनोज अग्रहरि को तीन वर्ष की अतिरिक्त कैद एवं 5 हजार रुपये अतिरिक्त अर्थदंड की सजा सुनाई गई है। इस मामले में देवर मनीष, ननदें करिश्मा एवं डिंम्पल को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त कर दिया। अभियोजन पक्ष की ओर से बहस अभियोजन अधिकारी वीपी यादव ने की।

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