पुरुषोत्तम चतुर्वेदी की रिपोर्ट

वाराणसी। मकर संक्रांति के अवसर पर हर साल की तरह इस साल भी काशी के गंगा घाटों पर लाखों श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ा। भक्तों ने सूरज की पहली किरण से साथ गंगा में स्नान किया। वहीं, वाराणसी में अचानक बढ़ी ठंड के बावजूद भी श्रद्धालुओं ने दशाश्वमेध घाट पर गंगा स्नान किया। गंगा स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने गुड़, तील और चावल का दान भी किया।
त्योहार पर काशी के दशाश्वमेध घाट पर सबसे ज्यादा श्रद्धालुओं की भीड़ देखी गई। माना जाता है कि इस दिन राशियों का बड़ा महत्व होता है और सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करते हैं। जिसके चलते सूर्य से निकलने वाली अद्भुत किरणें जब श्रृद्धालुओं पर पड़ती हैं तो उनमें नई ऊर्जा का संचार होता है। आज के ही दिन से सूर्य उत्तरायण होने के कारण इस पर्व को उत्तरायणी के नाम से भी जाना जाता है। मकर संक्रांति वाले दिन लोगों के गंगा में डुबकी लगाने से उन्हें पापों से मुक्ति मिल जाती है। इसके साथ ही आज के दिन दान करने को भी बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। इंसान के जीवन में सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है।
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