जानिये पंडित वीर विक्रम नारायण पांडेय जी से दिशाशूल क्या है इसका हमारी जिंदगी में क्या महत्व है

धर्म डेक्स। जानिये पंडित वीर विक्रम नारायण पांडेय जी से दिशाशूल क्या है इसका हमारी जिंदगी में क्या महत्व है

वास्तु शास्त्र में दिशाशूल के बारे में विस्तार से उल्लेख किया गया है
सभी लोग सुखद यात्रा करना चाहते हैं। कोई व्यापार के लिए, कोई धार्मिक कार्य के लिए, कोई मांगलिक कार्य के लिए अथवा कोई किसी महत्वपूर्ण खरीददारी या पढ़ाई या नई नौकरी पर जाने के लिए। कभी-कभी यात्रा सुखमय होती है, तो कभी यह कष्टमय या असफलता से भरी होती है। इसलिए यात्रा के विषय में दिशाशूल का अवश्य ध्यान रखना चाहिए। किन्हीं कारणों से दिशाशूल के दौरान यात्रा नहीं टाली जा सकती, तो उससे बचने के लिए निम्न उपाय करके यात्रा की जा सकती है –

पूर्व दिशा- सोमवार और शनिवार को पूर्व दिशा की यात्रा वर्जित मानी गई है। इस दिन पूर्व दिशा में दिशा शूल रहता है।

बचाव : सोमवार को दर्पण देखकर या पुष्प खाकर और शनिवार को अदरक, उड़द या तिल खाकर घर से बाहर निकलें। इससे पहले पांच कदम उल्टे पैर चलें।

पश्चिम दिशा- रविवार और शुक्रवार को पश्चिम दिशा की यात्रा वर्जित मानी गई है। इस दिन पश्‍चिम दिशा में दिशा शूल रहता है।

बचाव : रविवार को दलिया, घी या पान खाकर और शुक्रवार को जौ या राईं खाकर घर से बाहर निकलें। इससे पहले पांच कदम पीछे चलें।

  • उत्तर दिशा- मंगलवर और बुधवार को उत्तर दिशा की यात्रा वर्जित मानी गई है। इस दिन उत्तर दिशा में दिशा शूल रहता है।

बचाव : मंगलवार को गुड़ खाकर और बुधवार को तिल, धनिया खाकर घर से बाहर निकलें। इससे पहले पांच कदम पीछे चलें।

दक्षिण दिशा- गुरुवार को दक्षिण दिशा की यात्रा वर्जित मानी गई है। इस दिन दक्षिण दिशा में दिशा शूल रहता है।

बचाव : गुरुवार को दहीं या जीरा खाकर घर से बाहर निकलें। इससे पहले पांच कदम पीछे चलें।

दक्षिण-पूर्व दिशा- सोमवार और गुरुवार को दक्षिण-पूर्व (आग्नेय) दिशा की यात्रा वर्जित मानी गई है। इस दिन इस दिशा में दिशा शूल रहता है।

बचाव : सोमवर को दर्पण देखकर, गुरुवार को दहीं या जीरा खाकर घर से बाहर निकलें। इससे पहले पांच कदम पीछे चलें।

नैऋत्य दिशा- रविवार और शुक्रवार को दक्षिण-पश्चिम (नैऋत्य) दिशा की यात्रा वर्जित मानी गई है। इस दिन इस दिशा में दिशा शूल रहता है।

बचाव : रविवार को दलिया और घी खाकर और शुक्रवार को जौ खाकर घर से बाहर निकलें। इससे पहले पांच कदम पीछे चलें।

वायव्य दिशा- मंगलवार को उत्तर-पश्चिम (वायव्य) दिशा की यात्रा वर्जित मानी गई है। इस दिन इस दिशा में दिशा शूल रहता है।

बचाव : मंगलवार को गुड़ खाकर घर से बाहर निकलें। इससे पहले पांच कदम पीछे चलें।
अगले पन्ने पर पूर्व ईशान में जा रहे हैं तो…

ईशान दिशा- बुधवार और शनिवार को उत्तर-पूर्व (ईशान) दिशा की यात्रा वर्जित मानी गई है। इस दिन इस दिशा में दिशाशूल रहता है।

बचाव : बुधवार को तिल या धनिया खाकर और शनिवार को अदरक, उड़द की दाल या तिल खाकर घर से बाहर निकलें। इससे पहले पांच कदम पीछे चलें।

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