सोनभद्र।राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस इंटक के प्रदेश अध्यक्ष (पूर्वी) उत्तर प्रदेश इंजीनियर जितेंद्र पासवान ने प्रेस वार्ता कर कहा कि मोदी योगी सरकार में मजदूरों के हितों की अनदेखी हो रही है ।
आज यूपी ही नहीं पूरे भारतवर्ष में मजदूरों का हाल खराब है कोरोना कॉविड 19 के वजह से दूसरे प्रदेशों में जाकर अपनी जीविका चला रहे प्रवासी मजदूर अपनी जन्मभूमि पर किसी प्रकार तो वापस आ गए हैं परंतु आज उनके गांव या आस पास कोई रोजगार न मिलने के कारण गरीबी/ भुखमरी का दंश झेलने को मजबूर हैं एक तरफ उत्तर प्रदेश की योगी सरकार कहती है कि प्रवासी मजदूर के जीवन यापन के लिए प्रदेश सरकार कई योजनाएं चलाकर प्रवासी मजदूरों को रोजगार मुहैया कराने की व्यवस्था की है परंतु सच्चाई यह है कि सारी योजनाएं सिर्फ फाइलों की शोभा बढ़ा रही हैं धरातल पर कहीं कुछ नहीं हो रहा है ।
मनरेगा योजना के तहत भी मजदूरों को काम मुहैया नहीं कराया जा रहा है जहां कहीं मनरेगा से काम मिला भी है तो उसकी मजदूरी नहीं मिल रहा है इस कोरोना कॉल में एक तरफ मजदूर बेरोजगारी का दंश झेल रहा है वहीं दूसरी तरफ मोदी योगी सरकार श्रम कानून में परिवर्तन कर मजदूरों के अधिकारों को कम करने का काम कर रही है आज जहां जरूरत है मजदूरों को भरण पोषण के लिए नए रोजगार का सृजन करना वहीं यूपी की योगी सरकार रोजगार कम करने का काम कर रही है राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस इंटक चाहैं संगठित या असंगठित मजदूर हो या प्रवासी मजदूर हम सभी मजदूरों के हक हुकूक के लिए श्रमिकों के हक में हमेशा आवाज बुलंद करते रहेंगे हम यूपी के भाजपा सरकार से निम्नलिखित मांग करते हैं की !
मनरेगा के तहत मजदूरों को कम से कम 200 दिनों का रोजगार उपलब्ध सुनिश्चित कराई जाए ।
प्रवासी मजदूर जो अन्य प्रदेशों से अपने गांव आए हैं उनको उनके गांव के आसपास ही रोजगार मुहैया कराई जाए ।
प्रवासी मजदूरों को रोजगार सृजन करने के लिए सस्ते दर पर बिना गारंटी लोन मुहैया कराई जाए ।
उत्तर प्रदेश के सभी कल कारखानों में स्थानी व्यक्तियों को योग्यता के अनुसार 33 परसेंट नौकरी दिलाना सुनिश्चित कराई जाए ।
उत्तर प्रदेश के सभी पंजीकृत अपंजीकृत मजदूरों का उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पांच लाख का बीमा सुनिश्चित कराई जाए ।
प्रदेश अध्यक्ष इंटक इंजीनियर जितेंद्र पासवान ने कहा कि उपरोक्त मांगे अगर 30 दिन के अंदर उत्तर प्रदेश सरकार पूरी नहीं करती है तो राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस इंटक पूरे उत्तर प्रदेश में आंदोलन करने के लिए बाध्य होगी जिसकी पूरी जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश सरकार की होगी ।