समर जायसवाल-

दुद्धी स्थित ऐतिहासिक शिवाजी तालाब की कथा तो अति प्राचीन है ही साथ में वहाँ के शिवालय की सुंदर व्यवस्था भी आकर्षण का केंद्र बनी रहती है। सावन के पवित्र महीने में श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य को देखते हुए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना पड़ता है।

इस बाबत वहाँ के पुजारी मिंटू तिवारी व रुद्रशंकर तिवारी ने बताया कि यहाँ प्रतिदिन शाम को आरती व पूजन कार्यक्रम चलता है जिसमें आसपास के श्रद्धालु नियमित भाग लेते हैं। इतिहास के झरोखे में जाय तो शिवाजी तालाब अत्यंत प्राचीन है। एक बार यहाँ छत्रपति शिवाजी महाराज ने विश्राम किया था ।उन्होंने ही तालाब का जीर्णोद्धार कर नवीन स्वरूप प्रदान किया था।उनके द्वारा स्थापित एक काष्ठशिला आज भी तालाब के बीचोबीच देखी जा सकती है।शिवाजी के द्वारा जीर्णोद्धार करने से इसे शिवाजी तालाब के नाम से पहचान मिली।भगवान शिव में आस्था रखने वाले क्षेत्रवासियों को यहाँ का वातावरण अत्यंत सुरम्य व शांतिदायक लगता है।मंदिर की व्यवस्था में सुभाष गुप्ता, कृपाशंकर कानू, कुंदन कुमार, चंदन, रवि, अविनाश गुप्ता” वाह वाह” आदि नवयुवकों का विशेष सहयोग रहता है।

SNC Urjanchal News Hindi News & Information Portal