मुस्लिम बहनों ने अपने भाई की कलाई पर बांधी श्रीराम राखी

पुरुषोत्तम चतुर्वेदी की रिपोर्ट

_25 वर्षों से मुस्लिम बहन और हिन्दू भाई का रिश्ता निभते आ रहा है।_*

*_श्रीराम जन्मभूमि पूजन को देखते हुए मुस्लिम बहनों ने अपने हाथ से श्रीराम राखी बनाई।_*

*_बहनों ने चीन के राखी का बहिष्कार किया।_*

*_अपने भाई की खुशी के लिये श्रीराम राखी बांधी।_*

वाराणसी, 03 अगस्त। भाई-बहन के रिश्तों का यह बंधन प्रेम, विश्वास और सद्भावना का है। धर्म-जाति से ऊपर रक्षाबंधन के त्यौहार को सबसे पवित्र माना जाता है। विशाल भारत संस्थान एवं मुस्लिम महिला फाउण्डेशन के संयुक्त तत्वावधान में सुभाष भवन, इन्द्रेश नगर, लमही में रक्षाउत्सव आयोजित किया गया। श्रीराम जन्मभूमि पूजन को देखते हुए मुस्लिम बहनों ने अपने हाथ से श्रीराम राखी बनाई। बहनों ने इस बार तय किया था कि चीन की राखी का बहिष्कार करेंगी, इसलिए स्व-निर्मित स्वदेशी राखियों का प्रयोग किया गया। रक्षाबंधन त्यौहार के बहाने कच्चे धागे से रिश्तों को जोड़ने का गवाह बना लमही का सुभाष भवन, जहां मुस्लिम बहनें अपने भाई विशाल भारत संस्थान के अध्यक्ष डा० राजीव श्रीवास्तव को राखी बांधने पहुंची। 25 वर्षों से अपने भाई की कलाई पर राखी बांधने वाली शहीदुननिशा ने कभी जाति धर्म के भेद को नहीं माना। हर साल अपने भाई को पूरे विधि विधान से राखी बांधती हैं। तिलक लगाकर आरती करती हैं और अपने भाई का मुंह मीठा कराती हैं। भाई बहन का यह रिश्ता दुनियां के लिये साम्प्रदायिक एकता की मिशाल है, लेकिन इन भाई बहनों के लिये एक दूसरे के सुख दुख में शामिल होने और रोजमर्रा की जिन्दगी जीना का तरीका। शहीदुननिशा ने इस बार अपने भाई की खुशी के लिये श्रीराम राखी बांधी और अल्लाह से दुआ किया कि पूरे हिन्दुस्तान के लोग एक दूसरे से रिश्तों में बंध जायें और हमेशा के लिये नफरत खत्म हो जाये। डा० राजीव श्रीवास्तव को दलित बहनों, मुस्लिम बहनों, बच्चों के अलावा किन्नर समुदाय के लोगों ने भी राखी बांधी।

इस अवसर पर डा० राजीव श्रीवास्तव ने कहा कि रक्षाबंधन रिश्तों की श्रृंखला तैयार करता है, धर्मों के बीच सेतु का काम करता है और नफरत को खत्म करने की गारंटी देता है। राखी बांधने मात्र से ही भावना पवित्र हो जाती है और महिला बहन के रूप में स्वीकार्य बन जाती है। उस महिला का पूरा परिवार रिश्तों के बंधन में बंध जाता है, जहां धर्म और जाति का भेद स्वतः समाप्त हो जाता है। राखी दिलों को जोड़ने वाला है और रिश्तेदारी बढ़ाने वाला है। पूरी दुनियां में भेद को खत्म करके समानता लाने के लिये भारतीय संस्कृति के महान त्यौहार रक्षाबंधन को बढ़ावा देना चाहिए।

मुस्लिम महिला फाउण्डेशन की नेशनल सदर नाजनीन अंसारी ने कहा कि श्रीराम राखी बांधने से भाईयों की रक्षा प्रभु श्रीराम करेंगे और भाई अपनी बहनों की रक्षा करेंगे। श्रीराम राखी एकता और भाईचारा का सन्देश देता है। जिन भाईयों की कलाई पर भगवान श्रीराम स्वयं विराजमान हों, उनकी जान और माल को कोई भी नुकसान नहीं पहुंचा सकता।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य इन्द्रेश कुमार को हिन्दू-मुस्लिम बहनों ने वर्चुअल राखी बांधी। इस अवसर इन्द्रेश कुमार ने कहा कि भगवान श्रीराम का मंदिर निर्माण भारत के सांस्कृतिक पुनर्जागरण का प्रतीक है। यह रहने वाले सभी मुस्लिम भारतीय हैं, इनके पूर्वज भगवान श्रीराम हैं, ये अरबी संस्कृति को नहीं बल्कि भारतीय संस्कृति को मानने वाले हैं, इसलिये रक्षाबंधन मनाते हैं।

इस कार्यक्रम में डा० शालिनी शाह, नजमा परवीन, नगीना बेगम, नाजमा बानो, अर्चना भारतवंशी, डा० मृदुला जायसवाल, पूनम श्रीवास्तव, सुनीता श्रीवास्तव, सरोज देवी, गीता देवी, अर्चना श्रीवास्तव, मैना देवी, रमता, प्रियंका आदि ने भाग लिया।

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