भारतीय गणतंत्र दिवस का इतिहास

भारतीय गणतंत्र दिवस का इतिहास…..

26 जनवरी 1950 को भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ० राजेन्द्र प्रसाद ने 21 तोंपो की सलामी के बाद भारतीय राष्ट्रिय ध्वज को फहरा कर भारतीय गणतंत्र के एतिहासिक घोषणा की थी !

अंग्रेजो के शासन काल से छुटकारा पाने के 894 दिन बाद हमारा देश स्वतंत्र राज्य बना ! तब से आज तक हर वर्ष समुचे राष्ट्र मे गणतंत्र दिवस गर्व और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है !

लगभग 2 दशक पुरानी इस यात्रा को 1930 मे एक सपने के रुप मे संकल्पित किया गया और हमारे भारत के शुरवीर क्रांतिकारीयों ने 1950 मे एक गणतंत्र देश के रुप मे साकार किया !

तभी से धर्म निरपेक्ष और लोकतांत्रिक राष्ट्र के रुप मे भारत का निर्माण हुआ ! और एक एतिहासिक सपना साकार हुई !

31 दिसम्बर 1929 की मध्य रात्री मे भारतीय राष्ट्रिय कांग्रेस के लाहौर सत्र के दौरान राष्ट्र को स्वतंत्र बनाने की पहल की गई थी ! इस सत्र की अध्यक्षता जवाहर लाल नेहरु ने की थी !

बैठक मे उपस्थित सभी क्रांतिकारीयों ने अंग्रेज सरकार की शासन से भारत को आजाद करने और पुर्ण रुपेण स्वतंत्रता को साकार करने के लिए 26 जनवरी 1930 को स्वतंत्रता दिवस के रुप मे एक ऐतिहासिक पहल बनाने का शपथ ली थी !

भारत के उन शुरवीरो ने अपने लक्ष्य पर खरे उतरने की भरसक कोशीश की और भारत सचमुच स्वतंत्र देश बन गया !

उसके बाद भारतीय संबिधान सभा की पहली बैठक 9 दिसम्बर 1046 को हुई जिसमे भारतीय नेताओं और अंग्रेज कैविनेट मिशन ने भाग लिया !
भारत को एक संबिधान देने के विषय मे कई चर्चाऐं, शिफारिशें और वाद – विवाद हुआ !

कई बार संसोधन करने के पश्चात भारतीय संबिधान को अंतिम रुप दिया गया जो 3 वर्ष बाद यानी 26 नवम्बर 1949 को आधिकारिक रुप से अपनाया गया !

इस अवसर पर डॉ० राजेन्द्र प्रसाद ने भीरत के प्रथम राष्ट्रपति के रुप मे शपथ ली !
हालांकी भारत 15 अगस्त 1947 को एक स्वतंत्र राष्ट्र बन चुका था, लेकीन इस स्वतंत्रता की सच्ची भावना को प्रकट किया 1950 को !

इविंग स्टेडियम जाकर राष्ट्रिय ध्वज फहराया गया, आर इस तरह गणतंत्र के रुप मे भारतीय संबिधान प्रभावी हुआ !!

जय हिन्द …जय भारत.

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