घोरावल / सोनभद्र। उभ्भा नरसंहार की घटना को अभी एक साल भी नहीं बीते कि घोरावल तहसील में एक बार फिर चौका देने वाला मामला सामने आ गया। बताया जा रहा हैं कि शुक्रवार की रात जब घोरावल तहसील के तहसीलदार विकास पाण्डेय खुद थाने में जाकर दो एफआईआर दर्ज कराने पहुंचे तो प्रशासनिक अमले में हड़कम्प मच गया। तहसीलदार ने बिना देर किए तहसील परिसर से 14 बस्ते गायब होने पर दो राजस्व कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। बताया गया कि तहसील भवन के पीछे कमरे में रखे कुल 35 बस्ते में से 14 बस्ते गायब मिले हैं । बताया तो यह भी जा रहा है कि घटना के पहले शातिर तरीक़े से सीसी टीवी कैमरे को आफ कर दिया गया था और फिर घटना को अंजाम दिया गया। इस मामले में तहसीलदार विकास पाण्डेय की तहरीर पर घोरावल पुलिस ने पेशकार अखिलेश चंद्र एवं नायब नाजिर राजेंद्र प्रसाद के खिलाफ अभियोग दर्ज किया है।
वही दूसरी घटना में तहसीलदार विकास पांडेय ने तहरीर देकर बताया कि कैसे उनके ही तहसील कर्मचारी मिलीभगत कर जमीन हड़पने की साजिश रची थी लेकिन समय पर जानकारी हो गयी जिससे बड़ी वारदात टल गया। तहसीलदार ने बताया कि मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिला के गढ़वा थाना क्षेत्र के रेही निवासी बबुलिया पुत्र कन्हई, तहसील में पेशकार अखिलेश चंद्र, तहसीलकर्मी मनोज कुमार एवं तत्कालीन कानूनगो हरिशंकर मिश्रा ने कूट रचना कर फर्जी हस्ताक्षर बनाकर ग्राम सभा परसौना की जमीन हड़पने की साजिश रची। इस मामले में शिकायत मिलने पर जांच कराने पर इसका खुलासा हुआ।
इस मामले में घोरावल पुलिस ने तहसीलदार विकास पांडेय की तहरीर पर मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिला के गढ़वा थाना क्षेत्र के रेही निवासी बबुलिया पुत्र कन्हई, तहसील में पेशकार अखिलेश चंद्र,तहसीलकर्मी मनोज कुमार एवं तत्कालीन कानूनगो हरिशंकर मिश्रा के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।