सुपाचुवां में लाख विलुप्त होने से प्रतिवर्ष पांच करोड़ का नुकसान

गांव में है 20 हज़ार से ज्यादा पलास के पेड़ जिस पर उगता था लाख

म्योरपुर ब्लॉक के सुपाचुवां में ग्राम स्तरीय पर्यावरण समिति का गठन

विकास अग्रहरि/पंकज सिंह@sncurjanchal

म्योरपुर ब्लॉक के ग्राम पंचायत सुपाचुआ पंचायत भवन परिसर में बुधवार को समाज सेवी और प्रधान प्रतिनिधि राम लखन के अध्यक्षता में ग्राम स्तरीय पर्यावरण समिति का गठन कर राम कुमार गुप्ता को संयोजक मनोनीत किया गया।साथ ही दर्जन भर सदस्य चुने गए।

गाँव मे पर्यावरण की समस्या पर चर्चा करते हुए श्री राम लखन ने कहा कि गाँव मे अभी भी 20 हज़ार से ज्यादा पलास के पेड़ है अगर एक पेड़ में 5 किग्रा लाख का उत्पादन होता तो 500 रुपये प्रति किग्रा लाख की कीमत प्रतिवर्ष 5 करोड़ रुपये से ज्यादा होता और गाँव खुशहाल होता।बताया कि गाँव मे डेढ़ हजार से ज्यादा महुआ के पेड़ है उसमें भी कम उत्पादन हो रहा है ।लेकिन प्रदूषण के कारण लाख विलुप्त हो गया ।ग्राम निर्माण खैराही के संयोजक शिव नारायण यादव ने कहा कि औगौगिक प्रदूषण के कारण हवा और पानी दूषित होने से कई तरह के खतरनाक बीमारी से लोग पीड़ित हो रहे है ।प्रदूषण से होने वाली विमारी की जांच भी जिले में संभव नही है।

एन जी टी के आदेश के बाद भी टॉक्सिलाजिकल लैब की स्थापना जिला प्रशासन नही करा रही है।बैठक में ग्रामीमो ने मांग उठाई की जिला प्रशासन शुद्ध पानी स्वास्थ्य की मुफ्त जाँच और इलाज की व्यवस्था कराये। कहा कि सोनभड़ के घाटी में जहर फैलाने वाले उधोगों पर तत्काल प्रभाव से लगाम लगानी चाहिए।बैठक में महादेव राम भरोस अरविंद,फुलबस ,ननकी देवी ,ब्रह्मदेव ,लल्लू गुप्ता विजय कुमार आदि रहे।

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