
सिया बनी दुल्हन, दूल्हा रघुराई…
सिगरौली।नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एनसीएल) के श्रमसाधकों को नमन के साथ बृहस्पतिवार की शाम कंपनी के जयंत कोयला क्षेत्र के विजय स्टेडियम में मशहूर लोक गायिका पद्म श्री (श्रीमती) मालिनी अवस्थी जैसे ही मंच पर उपस्थित हुईं, दर्शकों से खचाखच भरा स्टेडियम तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। वह एनसीएल के 35वें स्थापना दिवस पर आयोजित सांस्कृतिक संध्या में प्रस्तुति देने उपस्थित हुई थीं।
एनसीएल द्वारा निकाले जाने वाले कोयले को धरती माता का प्रसाद बताते हुए मां विंध्यवासिनी की आराधना के साथ कार्यक्रम की शुरुआत की।
फिर अपने गाए हुए मशहूर लोकगीतों से उन्होंने जो शमां बांधा, उसमें पता ही नहीं चला कि 3 घंटे कैसे बीत गए। राम भक्ति को समर्पित बन्ना ‘सिया बनी दुलहान, दूल्हा रघुराई….’ और जन्म के समय गया जाने वाला सोहर ‘राजा दशरथ जी के घरवा आज जन्मे ललनवा’ गाकर उन्हों श्रोताओं की खूब तालियां बटोरीं।
लोक गीत एवं फिल्मी गीतों के समागम को समझाते हुए रेलिया बैरन पिया को लिए जाए…, जादूगर सईया, छोड़ो मोरी बाइया, हो गई आधी रात, अब घर जाने दो…, एक परदेसी मेरा दिल ले गया…, इन्हीं लोगों ने लूटा दुपट्टा मेरा…जैसे मशहूर लोक गीतों को गाकर उन्होंने दर्शकों को लोक संगीत के रंग में रंग दिया।
लोक संगीत को नई ऊंचाई देने में अमीर खुसरो, उस्ताद वाजिद अली शाह जैसी महान शख्सियतों को याद करते हुए उन्होंने इन महान विभूतियों के गाए गीतों को भी सुनाया। खुसरो की मशहूर रचना ‘छाप तिलक सब छीनी रे मोसे नैना मिलाइके…’ की प्रस्तुति के साथ कार्यक्रम का अंत किया।
लोक संगीत और लोक कलाकारों को बढ़ावा दिए जाने हेतु एनसीएल के प्रयासों की सराहना करते हुए उन्होंने दर्शकों एवं एनसीएल परिवार से मिले सम्मान के लिए आभार जताया।
SNC Urjanchal News Hindi News & Information Portal