लखनऊ 28 नवम्बर।
‘‘ सेण्टर आफ इण्डियन ट्रेड यूनियन्स (सीटू ) के प्रान्तीय महामंत्री प्रेम नाथ राय ने प्रदेश सरकार पर बिजली कर्मचारियों की पीएफ घोटाला के लिये जिम्मेदार आईएएस अधिकारियों को बचाने का काम रही है। सीटू नेता ने कहा है कि दीवान हाउसिंग फाइनेन्स कम्पनी लिमिटेड (डीएचएफएल) के तीन प्रमोटरों- कपिल बाधवान, धीरज बाधवान और अरूणा बाधवान – ने अपनी फर्जी कम्पनियों – आर के डब्लू डवलपर्स, दर्शन डवलपर्स और स्कील रेडफोर्स – के माध्यम से वर्ष 2014 से 2017 के बीच भारतीय जनता पार्टी को 20 करोड़ रूप्या चन्दा दिया। यह चन्दा कम्पनी एक्ट का उल्लंघन करते हुये दिया गया। कम्पनी एक्ट के अनुसार कोई कम्पनी अपने तीन साल के औसत मुनाफा के 7.5 फीसदी से ज्यादा राजनीतिक चन्दा नहीं दे सकती। बाधवान बन्धुओं की कम्पनी घाटे में होने के बावजूद भारतीय जनता पार्टी को चन्दा दिया।
उन्होनें कहा कि यही कारण है कि हजारों कर्मचारियों के भविष्य निधि का घोटाला करने वाली कम्पनी के खिलाफ सी बी आई जाॅच के लिये राज्य सरकार के सिफारिश के बावजूद अभी तक सीबीआई ने इस केश का संज्ञान नहीं लिया है।
श्रमिक नेता ने कहा कि ज्यादातर निवेश पूर्व चेयर मैन आलोक कुमार और प्रबन्ध निदेशक अपर्णा यू के समय में किया गया है। जाॅच करने वाली एजेन्सी ने आजतक इन अधिकारियों से कोई पूछताछ नहीं की । इससे लगता है कि सरकार इस घोटाले में बड़े अधिकारियों को बचा रही है।