सिंगरौली सुपर थर्मल पावर स्टेशन में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन ।
विधान तू ही गीत की रस छंद तू ही-सरिता
शक्तिनगर;सोनभद्र।एनटीपीसी लिमिटेड की प्रथम एवं फ्लैगशिप इकाई सिंगरौली सुपर थर्मल पावर स्टेशन में मानव ससांधन राजभाषा विभाग की ओर से राष्टपिता बापू की 150 जन्म जयंती के उपलक्ष्य में टाउनशिप स्थित मनोरंजन केन्द्र मूवी हॉल में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का भव्य आयोजन किया गया । विद्युत गृह के मुख्य महाप्रबंधक देवाशीष चट्टोपाध्याय, महाप्रबंधक ;प्रचालन एस.सी.नायक अम्यागत कवि तथा कवियत्रियों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित किया । दीप प्रज्ज्वलन में स्टेशन उपस्थित सभी महाप्रबंधकगण, अपर महाप्रबंधक ;मानव संसाधन ए.के.जाडली एवं वरिष्ठ अधिकारी सहभागी हुए। तदउपरान्त उपस्थित कवि, कवियत्रियों को मुख्य अतिथि एवं विषिष्ट अतिथि ने पुष्प गुच्छ साथ अंगवस्त्र भेट कर उनका अभिनंदन किया एवं अपने संक्षिप्त उद्बोधन में कार्यक्रम के औचित्य को रखते हुए राष्टपिता के सपने के अनुरूप भारत के नव निर्माण में अपनी सहभागिता के संकल्प के प्रतिबद्धिता व्यक्त किया और दूरदराज से शक्तिनगर आए कवियों के प्रति आभार जताते हुए कवि मंच की अध्यक्षता कर रहीं डॉ0 सरिता शर्मा को सुपुर्द किया । मंच संचालक शंकरकैमूरी ने देवाधिदेव महादेव की स्तुति के साथ डा0 सरिता को वाणी वंदना के लिए आमंत्रित किया, उपस्थितों ने भी तालियां बजाकर सरिता का अभिवादन किया ।
सरस्वती बंदना के क्रम में श्रीमती सरिता द्वारा गीत की विधान तू ही गीत की रस छंद तू ही प्रस्तुत करते ही उपस्थित एक टक मंच की ओर निहारने लगे । इसके उपरान्त रीवा से पधारे, राजभाषा अनुभाग के पूर्व सब आफिसर शिवकरण दूबे वेदराही ने गॉधी ने कहा दुनिया से कह दो गॉधी अंग्रेजी जानती ही नहीं सुनाकर बापू को स्मरण किया वहीं अपने चिरपचीत अंदाज में कौन कहता है, हमें देश की मिट्टी प्यारी नहीं की प्रस्तुति दी। इलाहाबाद से पधारे दीपक दूबे दानिश ने तूम बुलाओं जो हम नही आयेगे, गजल सुनाकर सिंगरौली से अपनी आत्मीयता व्यक्त किया वहीं वह बुत का ऐसा कही दस्तुर नहीं, एक मुसाफिर हम सफर इतने, घर से बाहर भी आओ भाई सुनाकर आनंदित किया।
हास्य व्यंग के ख्यातिलब्ध कवि दिनेश बाबरा मुम्बई ने सुनाया सात भाई है पर कोई साथ नहीं एक दिन साथ बैठे इस नाते कि बाबूजी वसियत लिखने वाले हैं । इसी के साथ आज के विज्ञापन जगत पर व्यंग बाण चलाया कि पांतजलि का बिस्कुट खाते ही कुत्ता पलटी मारने लगा लगता है कि वह योग करने लगा, रावण को नेता क्यों जलाते हैं की व्यंग प्रस्तुति देकर खुब वाहवाही लूटी बाबरा की प्रस्तुति के दौरान हॉल लोगो के ठहाकों और तालियों से गूॅजती रहीं । लखनउ से आए हास्य कवि श्री अमित अनपढ ने चॉद, तारे, नदी सागर ही नही सारे तीरथ भी मॉ के चरणों में सुनाने के क्रम में बेमेल राजनैतिक गठबन्धनों पर अपनी रचनाएं प्रस्तुति तथा लक्ष्मण बिना बूटी के ही उठ बैठे ,राम के आंसू अपने आप रूक गये हुनमान को मेघनाथ ने चिकित्सालय पहुॅचाया, कुंभकरण ने खून देकर हनुमान का जीवन बचाया सुनाकर सामाजिक एकता का काबिले तारीफ संदेष देने में सफल रहे । सुप्रसिद्ध षायरा षबीना अदीब ने बापू के सम्मान में सुनाया फूल मुरझाता है सुगन्ध नहीं, मौत ने आपका छुआ है पर आप तो लोगो के दिल में जिन्दा है । इसी के साथ अपना देष फूलों का गुलदस्ता है ,हिन्दुस्तान जैसा कोई देश नहीं । सुनाकार लोगों को आनंदित किया । गोरखपुर के ख्यातिलब्ध गीतकार एवं कार्यकक्रम के संयोजक मन मोहन मिश्र ने सत्य की बॉसुरी, अहिंसा की तान थे कर्मयोगी थे वे ज्ञान की खान थे, मेरे बापू से बढ़कर नही कोई विष्व में सुनाया । दर्षकों के मांग पर एक डॉ0 सरिता षर्मा को एक सुनाना पड़ की सपनो के नये मन को एक बार सजना, सारी दुनिया को छोड़कर आउगा पर बुलाओंगे यदि द्रौपदी तरह सुनाया और सर्वाधिक सराही गयी । काव्य संध्या रात्रि के प्रथम प्रहर से आरंभ होकर मध्य रात्रि तक चली । अंत में आलोक त्रिपाठी ,अपर महाप्रबंधक ;प्रचालन एवं अनुरक्षण द्वारा सभी कवियों को स्मृति चिन्ह भेट किये जाने के उपरान्त आदेश पाण्डेय प्रबंधक ;मानव संसाधन-राजभाषा के आभार ज्ञापन से काव्य संध्या संपन्न हुई ।