सोनभद्र।आज विजयादशमी के पावन पर्व पर सोनभद्र नगर में स्थित स्वामी विवेकानंद प्रेक्षागृह में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का स्थापना दिवस और विजयादशमी का पर्व स्वयंसेवकों ने हर्षोल्लास पूर्वक मनाया। इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित माननीय जिला संघ चालक श्री शिव शंकर जी ने भगवान श्री राम के चित्र पर माल्यार्पण करके शस्त्र पूजन संपन्न किया और अपने बौद्धिक में भगवान श्री राम के रावण के ऊपर विजय की विस्तार से चर्चा की ।उन्होंने कहा कि रावण पर श्री राम की विजय सर्वविदित है ,यह विश्व प्रसिद्ध है कि श्री राम सात्विक शक्ति के नेतृत्व करने वाले महान अवतार थे जिन्होंने धर्म की रक्षा की। हमें भी भगवान श्रीराम से यह प्रेरणा मिलती है कि हम रावण रूपी समाज के द्रोही और आAQकविघटनकारी तत्वों से हमेशा सतर्क रहें और संघर्ष करें। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना 1925 में इसी पर्व पर हुई थी। डॉक्टर केशव राम बलिराम हेडगेवार जी ने संघ की स्थापना राष्ट्र की सर्वांगीण उन्नति करने के लिए और हिंदू धर्म तथा हिंदू संस्कृति की रक्षा करने के लिए की थी।
हमें भी भगवान श्रीराम से यह प्रेरणा मिलती है कि हम रावण रूपी समाज के द्रोही और आAQकविघटनकारी तत्वों से हमेशा सतर्क रहें और संघर्ष करें। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना 1925 में इसी पर्व पर हुई थी। डॉक्टर केशव राम बलिराम हेडगेवार जी ने संघ की स्थापना राष्ट्र की सर्वांगीण उन्नति करने के लिए और हिंदू धर्म तथा हिंदू संस्कृति की रक्षा करने के लिए की थी। उनके इस सांगठनिक कार्य को देखने के लिए समय-समय पर अनेक महापुरुष आये। वर्धा के शिविर में स्वयं महात्मा गांधी गए थे जिन्होंने संघ के छुआछूत विरोधी सर्व समाज को साथ लेकर चलने की प्रक्रिया को देखकर अत्यंत प्रसन्नता प्रकट की थी । नेताजी सुभाष चंद्र बोस भी डॉक्टर साहब से मिलने नागपुर कार्यालय गए थे और संघ के स्वयंसेवकों के संचलन को देखकर प्रभावित हुए थे ।महामना मदन मोहन मालवीय बीएचयू की स्थापना की और बीएचयू कैंपस के अंदर संघ भवन का निर्माण कराया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ राष्ट्रप्रेम की शिक्षा देता है इसकी शाखाओं में अशोक सिंघल, दत्तोपंत ठेंगड़ी और अनेक ऐसे महान पुरुष उत्पन्न हुए जिन्होंने जिन्होंने समाज का समय-समय पर नेतृत्व किया हम हम भी उनसे प्रेरणा लेकर राष्ट्रीय विचार और राष्ट्रीय कार्य की उत्पत्ति करें संघ का कार्य इतना बढ़ गया है कि संयुक्त राष्ट्र संघ में पाकिस्तान के राष्ट्राध्यक्ष इमरान खान ने भी अपने भाषण में 10 बार संघ का उल्लेख किया जिसे माननीय सह सरकार्यवाह जी ने खींचकर धन्यवाद दिया था संघ का यह विश्वव्यापी स्वरूप सर्वे भवंतू सुखिनाह की कामना से विश्व का कल्याण करते हुए राष्ट्र को परम वैभव के पद पर पहुंचाने के लिए समर्थ हो रहा है। मैं आप सभी को विजयादशमी पर्व की शुभकामना देताहूँ । कार्यक्रम में सह जिला संघ चालक हर्ष जी, जिला प्रचारक शिवप्रसाद जी, नगर प्रचारक सौरभ जी, जिला कार्यवाह नंदलाल जी,सह जिला कार्यवाह बृजेश जी, नगर कार्यवाह संतोष जी ,सह नगर कार्यवाह नीरज जी, प्रचार प्रमुख आलोक जी, विभाग सोशल मीडिया प्रमुख नीरज जी, नगर बौद्धिक प्रमुख कात्यायन जी, जिला व्यवस्था प्रमुख कीर्तन जी, संगम जी आदि स्वयंसेवक उपस्थित थे।
उनके इस सांगठनिक कार्य को देखने के लिए समय-समय पर अनेक महापुरुष आये। वर्धा के शिविर में स्वयं महात्मा गांधी गए थे जिन्होंने संघ के छुआछूत विरोधी सर्व समाज को साथ लेकर चलने की प्रक्रिया को देखकर अत्यंत प्रसन्नता प्रकट की थी । नेताजी सुभाष चंद्र बोस भी डॉक्टर साहब से मिलने नागपुर कार्यालय गए थे और संघ के स्वयंसेवकों के संचलन को देखकर प्रभावित हुए थे ।महामना मदन मोहन मालवीय बीएचयू की स्थापना की और बीएचयू कैंपस के अंदर संघ भवन का निर्माण कराया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ राष्ट्रप्रेम की शिक्षा देता है इसकी शाखाओं में अशोक सिंघल, दत्तोपंत ठेंगड़ी और अनेक ऐसे महान पुरुष उत्पन्न हुए जिन्होंने जिन्होंने समाज का समय-समय पर नेतृत्व किया हम हम भी उनसे प्रेरणा लेकर राष्ट्रीय विचार और राष्ट्रीय कार्य की उत्पत्ति करें संघ का कार्य इतना बढ़ गया है कि संयुक्त राष्ट्र संघ में पाकिस्तान के राष्ट्राध्यक्ष इमरान खान ने भी अपने भाषण में 10 बार संघ का उल्लेख किया जिसे माननीय सह सरकार्यवाह जी ने खींचकर धन्यवाद दिया था संघ का यह विश्वव्यापी स्वरूप सर्वे भवंतू सुखिनाह की कामना से विश्व का कल्याण करते हुए राष्ट्र को परम वैभव के पद पर पहुंचाने के लिए समर्थ हो रहा है। मैं आप सभी को विजयादशमी पर्व की शुभकामना देताहूँ । कार्यक्रम में सह जिला संघ चालक हर्ष जी, जिला प्रचारक शिवप्रसाद जी, नगर प्रचारक सौरभ जी, जिला कार्यवाह नंदलाल जी,सह जिला कार्यवाह बृजेश जी, नगर कार्यवाह संतोष जी ,सह नगर कार्यवाह नीरज जी, प्रचार प्रमुख आलोक जी, विभाग सोशल मीडिया प्रमुख नीरज जी, नगर बौद्धिक प्रमुख कात्यायन जी, जिला व्यवस्था प्रमुख कीर्तन जी, संगम जी आदि स्वयंसेवक उपस्थित थे।
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