समर जायसवाल दुद्धी-सोनभद्र। पितृ विसर्जन अमावस्या हिंदुओं का धार्मिक कार्यक्रम है जिसे प्रत्येक घर में श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। इस दिन हिंदुओं में अपने पूर्वजों की मृत्यु के पश्चात् जिन्हें पितृ (पितर) की संज्ञा दी जाती उनके सम्मान में ,उनके प्रति श्रद्धा भाव व्यक्त करने के लिए एक धार्मिक कार्य क्रम का आयोजन होता है। भारतीय संस्कृति में और हिन्दू धर्म में अपने से बड़ों के प्रति आदर एवम श्रद्धा का भाव पाया जाता है।
इस तिथि का विशेष महत्व है। मान्यता है कि जिन परिवारों को अपने पूर्वजों की निर्वाण तिथि ज्ञात नही है वो पितृ अमावस्या को तर्पण व विसर्जन पूजन करके इस कार्यक्रम को पूर्ण कर सकते हैं। यथासंभव इस तिथि को दान भी करें। पुराणों में भी आज के दान का विशेष महत्व बताया गया है।
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