समर जायसवाल दुद्धी-सोनभद्र। श्री रामलीला कमेटी के कुशल नेतृत्व व मार्गदर्शन में आयोजित श्रीरामलीला मंचन के क्रम में चौथे दिन प्रभु श्रीराम के जन्म की लीला बड़ा ही सजीव व मार्मिक मन्चन किया गया। मन्चन को देख कर उपस्थित सभी श्रद्धालु व दर्शक आत्मविभोर हो गये। सभी ने आनन्द पूर्वक श्रीराम के शिशु रूप का दर्शन किया।
राजा दशरथ व देवी कौशल्या पूर्व में मनु व शतरूपा थे। भगवान विष्णु को पुत्र रूप में प्राप्त करने के लिए उन दोनों ने घोर तपस्या किया। जिस पर प्रसन्न होकर भगवान विष्णु ने उन्हें दो बार तथास्तु कहा।
इसी लिए भगवान के माता पिता होने का गौरव मनु व शतरूपा को दो बार मिला। पहले राजा दशरथ व कौशल्या को श्रीराम तथा दूसरा बसुदेव व देवकी को श्रीकृष्ण के रूप में पुत्र की प्राप्ति हुई।
राजा दशरथ निःसन्तान थे। ऋषियों ने उपाय बताकर यज्ञ करवाया। यज्ञ का फल मिला। यज्ञ से अग्निदेव प्रकट हुये। राजा दशरथ को प्रसाद स्वरूप खीर दिया कि इसे तीनों रानीयों को खिला देना।
खीर प्रसाद लेकर राजा दशरथ रानियों के पास गए।और प्रसाद दिया। रानी कौशल्या व रानी कैकेयी ने अपने हाथों से रानी सुमित्रा को खीर खिलाई।कौशल्या ने एक निवाला,कैकेयी ने एक निवाला व सुमित्रा ने दो निवाला खीर खाया।
गोस्वामीजी ने भी लिखा है…
नवमी तिथि मधुमास पुनिता। सुकल पच्छ अभिजीत हरिप्रीता।।
मध्य दिवस अति सीत न घामा। पावन काल लोक विश्रामा।।
समय बीत रहा था कि चैत्र मास के शुक्लपक्ष की नवमी तिथि को ठीक दोपहर में (आज के अनुसार ठीक 12 बजे दोपहर) दासी ने राजा को सूचना दी कि आप पिता बन गये। महारानी कौशल्या ने पुत्ररत्न को जन्म दिया है। थोड़ी देर में कैकेयी के एक पुत्र व सुमित्रा के दो पुत्र के जन्म की सूचना राजा दशरथ को मिली। गोस्वामी तुलसीदास जी लिखते हैं …
विप्र धेनू सुर सन्त हित, लीन मनुज अवतार।
निज इच्छा निर्मित तनु,माया गुन गो पार।।
प्रभु राम व उनके भाई भरत,लक्ष्मण शत्रुघ्न के जन्म लेते ही पूरा अयोध्या शंखनाद, शहनाई व मंगल वाद्य यंत्रों से गूँज गया। चारों ओर जयकारे से वातावरण गुलजार हो गया।
पूरे नगर अयोध्या में बधाई का क्रम चला।
आयोजन कमेटी ने भी प्रभु श्रीराम व उनके तीनों भाइयों के जन्म पर बधाई दिया।
इस प्रकार आज बड़े ही रोचकता पूर्वक प्रभु श्रीराम के अवतरित होने व उनके भाई गणों के जन्म की लीला का मंचन हुआ।
इस अवसर पर दिनेश आढती,रविन्द्र जाय अध्यक्ष, आलोक अग्रहरि महामंत्री, कन्हैया लाल अग्रहरि अध्यक्ष जे बी ए एस,सुरेन्द्र होंडा महामंत्री जे बी ए एस, रूपेश जौहरी,अनूप डायमण्ड,मोनू सिंह,पीयूष एड,विकास भोलू,संजय,आलोक कश्यप,धीरज जाय
सहित संरक्षक गण व तमाम श्रद्धालु उपस्थित रहे।
सुरक्षा व्यवस्था में दुद्धी कोतवाली के आरक्षी लगे रहे।