सोनभद्र। जिले के अति नक्सल प्रभावित रायपुर थाना क्षेत्र के दरमा जंगल मे आज दोपहर में कुछ असलहाधारियों के दिखाई दिए, जिसका पुलिस द्वारा पीछा किया गया तो एक असलहाधारी ने जंगल मे असलहा छोड़ का सीमावर्ती राज्य बिहार के जंगल मे भाग गए। जंगल मे कई की संख्या में असलहाधारी दिखाई देने से क्षेत्र में कई तरह की चर्चाएं व्याप्त है। जिले की सीमावर्ती बिहार सीमा से सटे महुली और केतार गांव में गत दिनों संदिग्धों की चहल कदमी की सूचना और दो दिन पहले ही गढ़वा के जंगल से नक्सली एरिया कमांडर की गिरफ्तारी के बाद माहौल शांत भी नही हुआ कि आज नक्सल क्षेत्र में असलहाधारियों के दिखाई देने से माहौल को गर्म कर दिया। जिससे सीमावर्ती इलाकों में पुलिस ने चौकसी बढ़ा दी है।
गुरुवार की दोपहर में जिले के दरमा पहाड़ी पर चार-पांच असलाधारियों की गतिविधि देखी गई। पुलिस ने जब पीछा किया तो उनमें से एक ने असलहा फेंक दिया और बाकी साथियों संग बिहार के जंगल में भाग गए। अचानक हुई इस गतिविधि से बिहार सीमा पर चौकसी बढ़ा दी गई।रायपुर थाना क्षेत्र के दरमा गांव में एक मामले की जांच में सरईगढ़ चौकी प्रभारी प्रमोद यादव व साथी सिपाही गए हुए थे। वहां से वापस आ रहे थे तभी दरमा गांव की पहाड़ी पर दोनों की नजर पड़ी। देखा की चार-पांच लोग असलहा लिए पहाड़ी पर चहलकदमी कर रहे थे। हिम्मत दिखाते असलहाधारियों की तरफ बढ़े तभी असलहाधारी पहाड़ी से नीचे उतरने लगे। थोड़ी देर रूकने के बाद जब दोनों पुलिसकर्मी आगे बढ़े तो जल्दी-जल्दी भागने के दौरान ही एक ने अपना असलहा फेंक दिया और बिहार की सीमा में स्थित जंगल में घुस गए।
पुलिस ने असलहा अपने कब्जे में ले लिया। दरमा गांव से बिहार बार्डर की दूरी महज दो किलोमीटर है। चौकी इंचार्ज ने बताया कि दरमा गांव में हुई सड़क दुर्घटना में मरे युवक नन्दू खरवार के घर गए थे। तभी वापसी में असलहाधारी दिखे। जब उनका पीछा किया गया तो एक ने असलहा फेंक दिया और भाग गए। बताया कि असलहाधारियों में एक कुछ-कुछ पहचाना सा लगा। वह चौधरना बिहार का बताया जा रहा है। उसका पहले पशु तस्करी के मामले में चालान किया जा चुका है। बाकी कौन थे, कहां से आए थे क्या, कर रहे थे इसकी जांच की जा रही है। उच्चाधिकारियों को सूचना दी गई है।
कई तरह की है आशंका
इलाके में कई तरह की चर्चाएं हैं। पहली चर्चा यह कि पशु तस्करी करने वाले गिरोह के होंगे। पहाड़ी पर असलहा लेकर इलाके की गतिविधि देखते होंगे उसी हिसाब से पशु तस्करी की गाड़ियों को रवाना करते हैं। या हो सकता हो कि किसी की हत्या के फिराक में आए होंगे। वहीं एक साथ इतने लोगों के देखे जाने और गत दिनों की गतिविधियों की वजह से नक्सलियों के होने की भी आशंका जतायी जा रही है।