नई दिल्ली।भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान चीफ ने महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट चंद्रयान 2 को लेकर बड़ी जानकारी दी है इसरो चीफ के. सिवन ने बताया कि चंद्रमा की सतह पर विक्रम लैंडर के सटीक लोकेशन का पता चल गया है. हालांकि फिलहाल उससे संपर्क स्थापित नहीं हो पाया है. सिवन ने कहा, ‘चंद्रमा की सतह पर विक्रम लैंडर के लोकेशन का पता चल गया है. चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर ने लैंडर की एक थर्मल तस्वीर भेजी है।
जानकारी मिली है कि विक्रम लैंडर की लोकेशन लैंडिंग वाली तय जगह से 500 मीटर दूरी पर मिली है. यह कमाल चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर में लगे ऑप्टिकल हाई रिजोल्यूशन कैमरा ने कर दिखाया है।
इस कामयाबी के बाद इसरो के वैज्ञानिक ऑर्बिटर के माध्यमसे विक्रम लैंडर से संपर्क करने का प्रयास कर रहे हैं. ऐसा होने पर लैंडर के साथ कम्युनिकेशन स्थापित किया जा सकेगा।
आपको बता दें कि चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम का भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र ( ISRO ) से उस समय संपर्क टूट गया था, जब वह चांद की सतह से केवल 2.1 किलोमीटर की दूरी पर था।
लैंडर से संपर्क टूटते ही इसरो सेंटर के कंट्रोल रूम में बैठे वैज्ञानिकों में भारी मायूसी छा गई।
वहां मौजूद सभी लोगों के चेहरे उतर गए. हालांकि इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैज्ञानिकों की हिम्मत बढ़ाई।
थ्रस्टर से अंतरिक्ष में यान की ऊंचाई अधिक या कम जाती है. इसरो की ओर से आए बयान के अनुसार रफब्रेकिंग के समय लैंडर विक्रम के लेग्स को हॉरिजोंटल रहना चाहिए था।
जिसके बाद फाइन ब्रेकिंग से ऐन पहले लैंडिंग सरफेस पर उसको वर्टिकल लाना था।
जांच में सामने आया है कि लैंडिग के समय थ्रस्ट उम्मीद से ज्यादा हो गया होगा, जिससे लैंडर अपना रास्ता भटक गया।
‘लैंडर से संपर्क की 14 दिनों तक करते रहेंगे कोशिश’
इसरो के चेयरमैन सिवन ने दूरदर्शन को दिए अपने इंटरव्यू में कहा कि हालांकि हमारा चंद्रयान 2 के लैंडर से संपर्क टूट चुका है, लेकिन वो लैंडर से दोबारा संपर्क स्थापित करने के लिए अगले 14 दिनों तक प्रयास करते रहेंगे. उन्होंने कहा कि लैंडर के पहले चरण को सफलता पूर्वक पूरा किया गया, जिसमें यान की गति को कम करने में एजेंसी को सफलता मिली।साभार पलपल इंडिया।