अजीत सोनी
रेणुकूट(सोनभद्र)। हिण्डाल्को अस्पताल, रेणुकूट में दो दिवसीय आकस्मिक जीवनरक्षक कार्यशाला का आयोजन किया गया जहां प्रतिभागियों को किसी भी दुर्घटना की स्थिति में जान बचाने के लिए प्राथमिक तौर पर आपनाई जाने वाली एबीसी प्रक्रिया (एयर-वे, ब्रीदिंग और सर्कुलेशन) की जानकारी दी गई। कार्यशाला हिण्डाल्को अस्पताल के मुख्य चिकित्साधिकारी श्री भास्कर दत्ता के मार्गदर्शन में आयोजित की गई। इसका शुभारंभ हिण्डाल्को रेणुकूट क्लस्टर के एचआर हेड श्री सतीश आनंद द्वारा किया गया। उन्होंने प्रतिभागियों को कार्यशाला में सक्रिय रूप से हिस्सा लेने के लिए प्रोत्साहित किया। आयोजन सचिव डॉ. शोभित श्रीवास्तव ने कार्यशाला की रूपरेखा समझाई।
कार्यशाला का नेतृत्व सर सुंदरलाल अस्पताल बीएचयू के मेडिकल सुप्रीटेंडेंट प्रो. एस.के. माथुर ने किया। उनके साथ इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस, बीएचयू के प्रो. डॉ. शशि प्रकाश, प्रो. डॉ. यशपाल सिंह, प्रो. डॉ. विक्रम गुप्ता, प्रो. डॉ. वैभव पाण्डेय, प्रो. डॉ. संदीप लोहा, प्रो. डॉ. मंजरी मिश्रा, प्रो. डॉ. बद्री प्रसाद एवं डॉ. प्रीति ने कार्यशाला में भाग लेने वाले प्रतिभागियों को प्रशिक्षण दिया। गौरतलब है कि डॉक्टर्स की पूरी टीम भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय के जनकल्याण विभाग द्वारा चलाए जा रहे राष्ट्रीय आपातकालीन जीवन रक्षा (नेशनल इमरजेंसी लाइफ सपोर्ट) सर्टिफिकेशन कोर्स से प्रशिक्षण प्राप्त है। कार्यशाला में महिला मंडल रेणुकूट की सदस्याओं, हिण्डाल्को के अधिकारियों, चिकित्सक तथा सोनभद्र के विभिन्न अस्पतालों के चिकित्सक व चिकित्सा सहायकों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। कार्यशाला में प्रतिभागियों को तमाम संभावित दुर्भाग्यपूर्ण आकस्मिक दुर्घटनाओं, जानलेवा चोटों व दुर्घटना के तुरंत बाद अपनाई जाने वाली त्वरित जीवन रक्षक प्रक्रियाओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। डॉक्टर्स की टीम ने बताया कि प्रशिक्षित एवं कुशल लोगों की जरूरत आज के दौर में हर पल है। यह जरूरी नहीं कि किसी भी दुर्घटना के तुरंत बाद मौके पर डॉक्टर की मौजूदगी हो, ऐसे में आपकी कुशलता ही दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति की जान बचा सकती है। कार्यशाला में डॉक्टर्स ने बताया कि ऐसी किसी भी कठिन परिस्थिति में एयर-वे (ए), ब्रीदिंग (बी) और सर्कुलेशन (सी) की भूमिका बेहद अहम होती है। इन सभी प्रक्रियाओं की जानकारी से किसी दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति की अनमोल जान बचाई जा सकती है। कार्यशाला के सफल आयोजन में हिण्डाल्को अस्पताल के समस्त चिकित्सकों एवं कर्मचारियों का सहयोग सराहनीय रहा।