सोनभद्र/दिनांक 20 अगस्त, 2019।‘‘राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस‘‘ 29 अगस्त, 2019 को सफल बनाने के लिए सभी स्तरों पर तैयारियां शुरू कर दें, ताकि जिले के एक वर्ष से लेकर 19 वर्ष तक के आयु वर्ग तक के सभी बच्चें/बच्चियों को पेट के कीड़े मारने वाली दवा खिलाया जा सके। स्कूल के अध्यापक व आशा/आंगनबाड़ी ही बच्चों को दवा खिलायेंगी। ब्लाक स्तर पर अध्यापक, आशा व आंगनबाड़ी को प्रशिक्षित किये जाने की व्यवस्था सुनिष्चित की जाय। उक्त निर्देष जिलाधिकारी एस राजलिंगम ने ‘‘राष्ट्रीय कृमी मुक्ति दिवस‘‘ 29 अगस्त, 2019 को सफल बनाने के मुताल्लिक आयोजित अन्तर्विभागीय समन्वय बैठक में दिये। जिलाधिकारी राजलिंगम ने कहा कि स्कूलों, कालेजों व जिले के मदरसों में किसी एक अध्यापक को ‘‘राष्ट्रीय कृमी मुक्ति दिवस‘‘ 29 अगस्त, 2019 के लिए नोडल अधिकारी नामित कर दिया जाय। उन्होंने कहा कि शिक्षक का दायित्व है कि वे तालीम देने के साथ ही बच्चों की साफ-सफाई व स्वास्थ्य पर भी ध्यान देकर पुनीत कार्य के पात्र बनें। अन्तर्विभागीय समन्वय बैठक में जिले के प्रधानाचार्योंं के साथ ही अन्य सभी सहयोगी विभागों को दायित्वबोध कराते हुए कहा कि सभी लोग पूरी तत्परता के साथ ‘‘राष्ट्रीय कृमी मुक्ति दिवस‘‘ 29 अगस्त, 2019 को सम्पन्न करायें। उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के मुताबिक पेट के कीड़े एक विष्व व्यापी जन स्वास्थ्य समस्या है। बच्चों में कीड़ों का संक्रमण से जहॉ एक ओर बच्चों का शारीरिक व दिमांगी तरक्की मेंं रूकावट होती है, वहीं दूसरी ओर उनके पोषण और हीमो ग्लोबिन स्तर पर भी खराब असर पड़ता है। उन्होंने कहा कि बच्चों के पेट के कीड़ांं को मारने वाली गोली एल्वेन्डाजाल 400 मी0ग्रा0 खिलाने से बच्चों में एनिमिया में कमी और पोषण स्तर में बढ़ोत्तरी होती है, इसी प्रकार से बच्चों में शारीरिक वृद्धि और वजन बढ़ना मानसिक व शारीरिक विकास होना, अन्य बीमारियों से बचने के लिए प्रतिरोधी क्षमता बढ़ना, स्कूलों में बच्चों की हाजिरी बढ़ना और बच्चों की यादाष्त वगैरह बढ़ता है। उन्होंने कहा कि जिला बेसिक षिक्षा अधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक, जिला कार्यक्रम अधिकारी, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी के साथ ही अन्य जिम्मेदारी विभागों के अधिकारियों के सहयोग से जिले के सभी 01 से 19 वर्ष तक के लगभग 6 लाख बच्चों को शत-प्रतिषत एलवेन्डाजाल/पेट के कीड़े मारने की गोली हर हाल में उपलब्ध करायी जाय। जिलाधिकारी श्री राजलिंगम ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का दायित्व बोध कराते हुए कहा कि वे अपने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के अलावा ग्राम पंचायतों में लगने वाले मेडिकल कैम्प में ‘‘राष्ट्रीय कृमी मुक्ति दिवस‘‘ के बारे में व्यापक प्रचार-प्रसार करते हुए आषा ,एएनएम, आंगनबाड़ी, सहायिका, स्कूली टीचरों व बच्चों के माध्यम से घर-घर तक व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जाय। बैठक में जिलाधिकारी श्री राजलिंगम ने कहा कि ‘‘राष्ट्रीय कृमी मुक्ति दिवस‘‘ 29 अगस्त, 2019 को स्कूलों, कालेजों व मदरसों में दवा खिलायी जाय और जो बच्चे बच जाते हैं, उन्हें 31 अगस्त, 2019 से 04 सितम्बर, 2019 तक दवा खिलाकर शत्-प्रतिषत लक्ष्य पूरा किया जाय, तभी नेषनल डिवार्मिंग/‘‘राष्ट्रीय कृमी मुक्ति दिवस‘‘ की सार्थकता सिद्ध होगी। उन्होंने ‘‘राष्ट्रीय कृमी मुक्ति दिवस‘‘ के सफलता के लिए जिला समन्वयक समिति की बैठक में सभी का दायित्वबोध कराते हुए व्यवस्थाओं को समय से सुनिष्चित करने को कहा। बैठक में जिलाधिकारी एस0 राजलिंगम के अलावा मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ0 एस0पी0 सिंह, जिला विद्यालय निरीक्षक फूलचन्द यादव, जिला कार्यक्रम अधिकारी अजीत सिंह, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी/उप मुख्य चिकित्साधिकरीगण, जिले के प्रधानाचार्यगण, मदरसों के मुतवल्ली सहित अन्य सम्बन्धितगण मौजूद रहें।