राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ मंगलवार को हमारा मैच बारिश की भेंट चढ़ गया। हालांकि इस नतीजे से किसी भी टीम को मदद नहीं मिली। मौसम ने इतनी मोहलत जरूर दी कि 5-5 ओवरों का एक मिनी मुकाबला शुरू किया जा सके। आरसीबी ड्रेसिंग रूम में जब हम लगातार मैच शुरू होने का इंतजार कर रहे थे, तब सभी क्रिकेट के संभावित नए प्रारूप के बारे में सोच रहे थे।
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इस खेल की शुरुआत टेस्ट मैच से हुई थी। इसके बाद यह पहले 60 ओवर, फिर 50, 40 ओवर का होते-होते टी-20 तक पहुंच गया। अगले साल इंग्लैंड में 100 गेंदों के मुकाबलों का प्रयोग भी हो रहा है। यहां तक कि यूएई में टी-10 क्रिकेट स्थापित हो ही चुका है।
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अब पांच ओवर के प्रारूप का क्या भविष्य है। एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम में जब लगातार बारिश हो रही थी तो हम सभी ने कई विकल्पों पर अपने-अपने विचार रखे। इसमें यह बात भी सामने आई कि टूर्नामेंट का ढांचा यही रखा जाए। बस एक टी-20 मुकाबले की जगह पांच ओवर के मैच खेलकर बेस्ट ऑफ थ्री का विकल्प आजमाया जाए।
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इससे कई लाभ होंगे। एक तो ये कि जब बल्लेबाज हर गेंद को मैदान के बाहर भेजने की कोशिश करेगा तो मुकाबले का रोमांच बेहद बढ़ जाएगा। पांच ओवर के पहले मुकाबले में टीम-ए टॉस जीतती है तो वो बल्लेबाजी या गेंदबाजी का विकल्प चुनेगी। दोनों टीमें दूसरे मैच के लिए लाइनअप में बदलाव कर सकेंगी।
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ऐसे में टीम-बी के पास स्वाभाविक रूप से पहले बल्लेबाजी या गेंदबाजी में से विकल्प चुनने का अधिकार होगा। अगर मुकाबला एक-एक से बराबर हो जाता है तो पांच ओवर के तीसरे और निर्णायक मुकाबले में नया टॉस होगा। यह मजेदार हो सकता है। शायद जल्दी ही एक दिन किसी देश का क्रिकेट बोर्ड इस पांच ओवर के प्रारूप के लिए समय और कैलेंडर निकाल ले।
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