सोनभद्र।एक तरफ जहां पूरा विश्व आज 1मई कोअंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस मनाकर उनके हक और हुकूक की बात कर रहा है उन्हें सम्मानित किया जा रहा है वही जनपद सोनभद्र में मजदूर दिवस पर भी मजदूरों की मंडी में खुलेआम बोलियां लगाई जा रही हैं, जिसको मजदूरों की आवश्यकता होती है मंडी में जाता है और मोल- भाव करके मजदूरों को ले जाता है जिसको काम नहीं मिलता वह थक हार कर अपने घर चले जाते हैं इस संबंध में मजदूरों का कहना है कि सरकार या श्रम विभाग कोई मदद नहीं कर रहा है सुबह हम लोग मंडी में आ जाते हैं और जिसको काम मिलता है करता है जिस को नहीं मिलता है वह घर चला जाता है।
वही श्रम विभाग के लोगों ने बताया कि हमारे यहां मजदूरों का रजिस्ट्रेशन का काम की कराया जाता है काम देने का काम नहीं करते। लेकिन जो मजदूर 90 दिन तक काम कर के प्रमाण पत्र जमा करते हैं उन्हें श्रम विभाग से सुविधाएं मिलती हैं।
आज 1 मई को पूरा विश्व अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस मना कर उनके हक और हुकूक की बात कर रहा है उन्हें सम्मानित किया जा रहा है तो वहीं जनपद सोनभद्र के आरटीएस क्लब के पास रोज की भांति सैकड़ों की संख्या में उपस्थित मजदूरों की मंडी में खुलेआम बोलियां लगाई जा रही हैं जिसको मजदूरों की आवश्यकता होती है मंडी में जाता है और मोलभाव करके मजदूरो को ले जाता है जिसको काम नहीं मिलता है वह थक हार कर अपने घर चले जाते हैं जनपद में 2018-19 तक कुल 105132 मजदूरों का श्रम विभाग में रजिस्ट्रेशन हुआ है लेकिन मनरेगा और खनन बंद होने से मजदूरों के आगे काम का संकट आ गया है। इस संबंध में मजदूर राजकुमार का कहना है कि सरकार या श्रम विभाग कोई मदद नहीं कर रहा है सुबह हम लोग मंडी में आ जाते हैं और जिसको काम मिलता है करता है जिस को नहीं मिलता है वह घर चला जाता है ।
वही काम करने आए राजमिस्त्री परदेसी ने बताया कि आज मंडी में 200 से अधिक मजदूर आए हैं लोग आ रहे हैं जिसको जितनी जरूरत है मजदूरों को ले जाता है जिसको काम नहीं मिलता है वह लोग अपने घर चले जाते हैं सरकार की तरफ से कोई सुविधा नहीं मिल रही है वहीं मजदूरों की मंडी में मजदूरों को काम के लिए लेने आए ग्राहक ने बताया कि मजदूरों की मंडी है यहां पर जिसको आवश्यकता पड़ती है आता है और अपने हिसाब से बोली लगाकर ₹200 ढाई ₹100 या ₹300 मजदूरी कर ले जाता है जो लोग बचते हैं घर चले जाते हैं सरकार बिल्कुल हीरो की नई सोच रही है।