दिल्ली।
★ अमेरिका सेना के रिटायर्ड शीर्ष नौसेना अफसर मानते हैं कि दक्षिण चीन सागर में चीन से निपटना अब अमेरिका के लिए बहुत मुश्किल
दो दिनों में सामने आई दो बातों ने अमेरिका की नींद उड़ा दी है. ये लगने लगा है कि एशिया में अमेरिका नहीं बल्कि अब चीन सुपर पॉवर बनने के करीब है. एक दिन पहले जहां चीन ने सालाना नेवल परेड में मिसाइल विध्वंसक पेश किया. तो इसी के आसपास वो रिपोर्ट भी जाहिर हो गई, जो अमेरिकी सरकार की ही एक उपसमिति ने बनाई थी, वो रिपोर्ट ये कह रही है कि अब चीन को रोकना अमेरिका के लिए बहुत मुश्किल है.
पहले बात चीन की नेवल परेड की करते हैं. उसमें पहली बार चीन ने अपना वो समुद्री विध्वंसक पेश किया. ये चीन में बना अपनी तरह का बेहद आधुनिक विध्वंसक समुद्री जहाज है. जो किसी भी तरह की गाइडेड मिसाइल्स के छक्के छुड़ाने में माहिर है. पिछले दिनों चीन ने खुद इस तरह के कई समुद्री लड़ाकू जहाज बनाए हैं, ये उसी कड़ी में चौथा जहाज है।
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हालांकि इसे चीन ने दो साल पहले ही समुद्र में उतार दिया था, लेकिन अंतरराष्ट्रीय तौर पर इसका प्रदर्शन 23 अप्रैल को पहली बार किया गया. ये सारे आधुनिक हथियारों से लैस है. कई युद्धक जहाजों और पनडुब्बियों से ये अकेले निपट सकता है.
चीन का नया मिसाइल विध्वंसक जीनिंग, जो हर तरह के आधुनिक हथियारों से लैस है।
चीनी सेना का जबरदस्त तरीके से आधुनिकीकरण
पिछले दो दशकों में चीन ने अपनी जल, थल और वायु सेना का जबरदस्त तरीके से आधुनिकीकरण किया है. उसने नई जेनेरेशन के लड़ाकू विमानों की पलटन बनाकर तैयार कर ली है तो अपनी थल सेना को पूरी तरह से आधुनिक बना दिया है. इसके अलावा उसकी मिसाइल और साइबर आर्मी अलग है.
अब ताकत प्रदर्शन का कोई मौका नहीं चूकता चीन
एक जमाना था जब चीन में माओ के बाद सत्ता हाथ में लेने वाले देंग जियाओपेंग माना करते थे कि चीन को अपनी ताकत तेजी से बढ़ाने की जरूरत है लेकिन गुपचुप तरीके से, उसका प्रदर्शन फिलहाल नहीं किया जाना चाहिए. लेकिन अब चीन के मौजूदा प्रमुख शी जिनफिंग के जमाने में देश का रवैयै ना केवल पूरी तरह बदल चुका है बल्कि अपनी ताकत के प्रदर्शन करने का कोई मौका नहीं चूकता.
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सबसे ज्यादा तस्वीर बदली है चीनी नौसेना की
एक जमाना था जब उसकी नौसेना आमतौर पर पारंपरिक थी. समुद्र पर दूसरे विश्व युद्ध तक उसकी ताकत बहुत कमजोर आंकी जाती थी. अब उसके पास ताकतवर और आधुनिक लड़ाकू समुद्री जहाजों, न्यूक्लियर पनडुब्बियों, लड़ाकू नौकाओं की इतनी बड़ी खेप है कि अमेरिका को भी उसकी ये ताकत आतंकित कर ही रही है.
इसमें सबसे ज्यादा तस्वीर बदली चीनी नौसेना की. बताते हैं वो ना केवल बहुत ताकतवर हो चुकी है बल्कि खास साजोसामान से लैस भी है. इसी का अंदाज ट्रंप प्रशासन रक्षा संबंधी मामलों की गैरी रॉगहीड की संयुक्त अगुआई वाली एक उप समिति की रिपोर्ट भी कहती है. हालांकि ये रिपोर्ट पिछले साल नवंबर में कांग्रेस में पेश कर दी गई थी लेकिन ये सार्वजनिक हाल ही में हुई है.
अमेरिका हार सकता है
ट्रंप प्रशासन की रक्षा नीति की समीक्षा करने वाले गैरी रॉगहीड कहते हैं, ‘अमेरिका हार सकता है.’ रिटायर्ड एडमिरल रॉगहीड अमेरिकी नेवी में 2011 तक टॉप पोस्ट पर रहे हैं.।अपनी रिपोर्ट में उन्होंने और अन्य साथियों ने स्पष्ट चेतावनी दी।