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मैनपुरी ।
मैनपुरी लोकसभा सीट के लिये महागठबंधन प्रत्याशी के रूप में सोमवार को सपा सरंक्षक मुलायम सिंह अपना नामांकन करेंगे. इस दौरान पार्टी के सुप्रीमों अखिलेश यादव भी उनके साथ मौजूद रहेंगे. दरअसल मुलायम सिंह वर्तमान में आजमगढ से सांसद हैं. 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में मुलायम सिंह यादव मैनपुरी और आजमगढ़ दोनों सीटों से चुनाव जीतने के बाद, उन्होंने मैनपुरी सीट से त्यागपत्र दे दिया था. खाली सीट पर बाद में हुए उपचुनाव में मुलायम के पौत्र तेजप्रताप सिंह सांसद चुने गये थे. उपचुनाव में मैनपुरी से तेजप्रताप ने तब अपने निकटतम बीजेपी प्रत्याशी एसएस चौहान को तीन लाख से अधिक वोटों से हराया था.गौरतलब है कि आगामी 19 अप्रैल को शहर के क्रिश्चियन मैदान में महागठबंधन की एक बड़ी रैली प्रस्तावित है. जिसमें बसपा सुप्रीमों मायावती लगभग बाईस साल बाद मंच मुलायम सिंह से मंच साझा करेंगी. उल्लेखनीय है कि साल 1992 में मुलायम सिंह यादव ने समाजवादी पार्टी करने के साथ ही बीजेपी का रास्ता रोकने के लिए बहुजन समाज पार्टी से हाथ मिलाया था. लेकिन 1995 में गेस्ट हाउस की घटना के बाद दोनों दलों के रिश्ते खत्म हो गए थे और तत्कालीन सरकार गिर गई थी. मायावती ने बीजेपी के साथ मिलकर नई सरकार बना ली थी.बता दें कि 16वीं लोकसभा की आखिरी बैठक में मुलायम सिंह यादव ने कहा था कि उनकी कामना है कि नरेंद्र मोदी फिर से पीएम बनें. उन्होंने हमेशा सभी की मदद की है. वे चाहते हैं कि सभी सांसद फिर से जीतकर आएं. हालांकि मुलायम के इस बयान के बाद उत्तर प्रदेश में सियासत में भूचाल आ गया था. तब यह आशंका व्यक्त की गई थी कि बीजेपी लोकसभा चुनाव में मुलायम के इस बयान को अपने पक्ष में माहौल बनाने के लिए इस्तेमाल कर सकती है .
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