दुद्धी/सोनभद्र (भीम कुमार) स्थानीय कस्बे में इन दिनों अल्ट्रासाउंड करने व इसकी रिपोर्ट देने का काम अनट्रेंड़ो के सहारे निर्वाध रूप से कर रहे हैं। लोगों की अशिक्षा व अज्ञानता का बेजा फायदा उठा रहे इन लोगों को तहसील मुख्यालय के नेशनल हाईवे पर खुलेआम बोर्ड लटकाकर अल्ट्रासाउंड सेन्टर संचालित करने का जरा भी ख़ौफ़ अधिकारियों का नही है। दुद्धी स्थित एक मात्र पीडब्लूडी गेस्ट हाउस जहां आये दिन अधिकारियों का आवागमन लगा रहता है, उसके बाउंड्री वाल से सटे ऐसे अवैध सेंटरों का संचालन अपने आप मे रहस्य लिए प्रतीत होता है। स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से मात्र 100 मीटर की दूरी पर स्थित ऐसे सेंटरों का संचालन कहीं न कहीं विभाग की मौन स्वीकृति और संलिप्तता को भी दर्शाता है। एक ओर जहां झोला छाप चिकित्सक अपने मोटे कमीशन के चक्कर में मरीजों को अनावश्यक अल्ट्रासाउंड कराने की पर्ची थमा देते हैं वही गलत रिपोर्ट के आधार पर डिग्रीधारक चिकित्सक भी कब तक धनलोलुपता के कारण मरीजों के जीवन से खिलवाड़ करते रहगें, यह एक विकसित और शिक्षित समाज के लिए बहुत बड़ा प्रश्न है। नियमानुसार पैथालोजी सेंटरों पर बाकायदा एक रेडियोलाजिस्ट की नियुक्ति होती है, जो जांच के उपरांत रिपोर्ट अपने हस्ताक्षर से निर्गत करता है। मगर दुद्धी में मिशन डाइग्नोसिस सेंटर नाम से संचालित इस केंद्र के रिसेप्शन पर एक हाई स्कूल में पढ़ने वाला चंदन गुप्ता नाम का छात्र डॉक्टर का प्रेस्क्रिप्शन हो या खुद से जांच कराने आये मरीजों से बाकायदा 700 रुपये की रसीद काटता है, और डॉक्टर के नाम पर अंदर चैंबर में बैठे बिना डिग्रीधारक युवक के पास भेज देता है, जो मरीज को फर्जी अल्ट्रासाउंड कर रिपोर्ट थमा देता है। रिसेप्शन पर बैठे चंदन नाम के युवक से पूछने पर बताया कि यह रावर्ट्सगंज के डॉक्टर के बी सिंह का सेंटर है। यह भी बताया कि वो कभी कभार ही आते हैं। चैंबर में आर बी सर अल्ट्रासाउंड करके रिपोर्ट देते हैं। आर बी सर से उनकी डिग्री पूछने पर टालमटोल कर दिए। ऊपर से यह दलील दिए कि कहिये तो हम बैंड करके चले जाएं। जनस्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रहे ऐसे लोगों का यह माकूल जवाब नही है। नगर के बुद्धजीवी तबके ने जिलाधिकारी और मुख्य चिकित्साधिकारी से ऐसे फ़र्ज़ी अल्ट्रासाउंड सेंटरों के खिलाफ त्वरित कार्यवाई की मांग की है।