ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले तीन मैचों में हमारे बल्लेबाजों का प्रदर्शन उम्मीद से काफी कम है। विराट कोहली को छोड़कर टॉप ऑर्डर का कोई बल्लेबाज अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सका है। इस कारण टॉप ऑर्डर बल्लेबाजों के प्रदर्शन पर सवाल खड़े हुए हैं। वर्ल्ड कप में तीन महीने से कम का समय बचा है। टीम को केवल दो वनडे और खेलने हैं। इस प्रदर्शन ने टीम मैनेजमेंट और चयनकर्ताओं को चिंता में डाल दिया है।
सीरीज में आगे होने के बावजूद भारतीय शीर्षक्रम संघर्ष कर रहा
टी-20 सीरीज हम इसलिए हारे, क्योंकि हमारे बल्लेबाज फेल रहे। भले ही हम वनडे सीरीज में 2-1 से आगे हैं लेकिन शीर्षक्रम के बल्लेबाज अभी भी संघर्ष कर रहे हैं। टी-20 छोटा फॉर्मेट है और इसमें खिलाड़ियों को फॉर्म हासिल करने में कठिनाई होती है, लेकिन वनडे में बल्लेबाज पारी को अपने हिसाब से आगे बढ़ा सकता है। हालांकि, ऐसा होता नहीं दिख रहा है।
वॉर्नर-स्मिथ की गैरमौजूदगी का फायदा नहीं उठा पाई टीम इंडिया
खेल के दोनों फॉर्मेट अलग-अलग हैं और दोनों के लिए खिलाड़ियों को एक ही मापदंड पर चुना जाना ठीक नहीं है। भारतीय टीम दोनों फॉर्मेट में लगभग इसी टॉप ऑर्डर के साथ खेलती है। इस कारण समस्या और बढ़ गई है। डेविड वॉर्नर और स्टीव स्मिथ की गैर मौजूदगी में टीम इंडिया का ऑस्ट्रेलियाई टीम पर हावी होने की उम्मीद थी। अब तक ऐसा नहीं हो सका है।
ऑस्ट्रेलिया का ओवरऑल प्रदर्शन शानदार
दूसरी ओर, ऑस्ट्रेलियाई ने सभी विभागों में अच्छा प्रदर्शन किया है। वहीं भारतीय टीम ऐसा नहीं कर सकी। हमारी गेंदबाजी अच्छी रही, लेकिन बल्लेबाज अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सके। कोहली ने दो शतक लगाए हैं। यह इसलिए भी शानदार है, क्योंकि हमारे बल्लेबाज इस कंडीशन में इन्हीं ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों के सामने संघर्ष कर रहे हैं।
धवन-रोहित का आउट ऑफ फॉर्म होना चिंता का सबब
कागज पर हमारी बल्लेबाजी बहुत मजबूत दिखती है। शिखर धवन और रोहित शर्मा की ओपनिंग जोड़ी दुनिया की सर्वश्रेष्ठ में से एक है। ये जोड़ी आउट ऑफ फॉर्म है। अंबाती रायडू, महेंद्र सिंह धोनी और दिनेश कार्तिक भी लगातार अच्छा नहीं कर पा रहे हैं।यह ऋषभ पंत, लोकेश राहुल के लिए अच्छा मौका है। कुछ महीने पहले तक टीम इंडिया की बल्लेबाजी पर सवाल नहीं उठाए जा सकते थे। अब कुछ खतरे की घंटी बजने लगी है।
स्पिनर्स ने छुपाई हमारे बल्लेबाजों की निरंतरता की कमी
पिछले कुछ साल में हमारी जीत में तेज और स्पिन गेंदबाजों का योगदान महत्वपूर्ण रहा है। इसने हमारे बल्लेबाजों की निरंतरता की कमी को छुपा दिया। जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी, कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल ने गेंद से प्रदर्शन किया है। इसके बाद भी टॉप ऑर्डर को रन बनाने ही होंगे। अब तक हमारे गेंदबाजों ने सीरीज के तीन मैचों में अच्छा प्रदर्शन किया है। सीरीज के बचे दो मैचों में बल्लेबाजों को अपनी फॉर्म हासिल कर वर्ल्ड कप से पहले आखिरी सीरीज में खुद को साबित करना होगा।
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