श्रीनगर. भारतीय सेना इन दिनों जम्मू-कश्मीर में खास भर्ती रैली का आयोजन कर रही है। जिसमें हजारों युवक हिस्सा लेने आ रहे हैं। पिछले कुछ दिनों में सेना ने पुलवामा, बारामूला और डोडा में भर्ती रैली का आयोजन कर चुकी है। इनमें स्थानीय युवाओं ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और सेना में शामिल होने की इच्छा जताई। खास बात ये है कि ये भर्ती रैलियां पुलवामा हमले के बाद हो रही हैं, जिसके बाद भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध का माहौल बन गया था। लेकिन इसके बाद भी जिस तरह युवा यहां हिस्सा लेने के लिए आ रहे हैं, वो पाकिस्तान की आंखें खोलने के लिए काफी है।
युवकों ने अभिनंदन को बताया रोल मॉडल…
– पुलवामा और बारामूला में सेना की भर्ती रैली होने के बाद ये रैली शनिवार को डोडा में हुई। स्थानीय स्टेडियम में हुई इस रैली में हिस्सा लेने के लिए 2 हजार से ज्यादा स्थानीय युवक पहुंचे।
– रैली में शामिल होने आए मुबस्सिर अली नाम के युवक ने पाकिस्तान से लौटकर आए भारतीय विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान को अपना रोल मॉडल बताया। उसने कहा, 'मैं देश और परिवार के प्रति अपना फर्ज निभाने के लिए भारतीय सेना में भर्ती होने आया हूं। विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान को पाकिस्तान ने अपने कब्जे में ले लिया था। लेकिन वे वहां से वापस आ गए। इससे युवाओं को एक नई उम्मीद और सेना में भर्ती होने की प्रेरणा मिली।'
भर्ती रैलियों में बड़ी संख्या में आ रहे युवा
– कश्मीर में हो रही इन भर्ती रैलियों में हिस्सा लेने के लिए बड़ी संख्या में युवक आ रहे हैं। पुलवामा में 14 फरवरी को हुए आतंकी हमले के पांच दिन बाद वहां एक भर्ती रैली हुई थी। जिसमें 111 भर्तियों के लिए करीब 5 हजार युवकों ने हिस्सा लिया था।
– इस रैली में हिस्सा लेने आए दो युवकों ने बताया था कि वे प्राइवेट सेक्टर में नौकरी करते हैं, और वे बचपन से सैनिक बनने का सपना देखा करते थे।
– रैली में शामिल होने आए नजीर अहमद नाम के एक कैंडिडेट ने कहा था, 'हम भारतीय सेना के शुक्रगुजार हैं, जो उन्होंने हमें देशसेवा करने का इतना अच्छा मौका दिया।'
– इन रैलियों में जिस तरह से स्थानीय युवा हिस्सा ले रहे हैं, उन्हें देखकर पाकिस्तान को ये समझ आ जाना चाहिए कि स्थानीय युवा भारतीय सेना को सपोर्ट करता है और सेना का व्यवहार उनके प्रति बेहद अच्छा है।
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