न्यूज डेस्क। इंडियन एयरफोर्स (IAF) ने पाकिस्तान में स्थित जैश-ए-मोहम्मद के कैंप को तबाह करने के लिए 1.68 से 2.2 करोड़ रुपए कीमत के बम गिराए। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि जिस 225kG के GBU-12 बम का इस्तेमाल किया गया, उसकी एक की कीमत 14 से 14.7 लाख रुपए है। इस हिसाब से इंडिया ने 1.68 से 2.2 करोड़ रुपए कीमत के बम का इस्तेमाल किया। बता दें कि 2010 में ही भारत ने अपना लेजर गाइडेड बम सुदर्शन तैयार किया
था।
मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया है कि, 2568 करोड़ रुपए के मूल्य से भी ज्यादा की इंडियन असेस्ट्स पाकिस्तानी सीमा में इस ऑपरेशन के लिए घुसीं थीं। इन्हीं के जरिए 1000Kg के बम पाक के बालाकोट, मुजफ्फराबाद और चखोटी एरिया में गिराए गए। एक की कीमत 56 लाख रुपए थी। इससे करीब 200 से 300 आतंकियों के मारे जाने की खबर है।
इन एसेस्ट्स का किया गया इस्तेमाल
एसेस्ट्स कीमत (करोड़ में)
12 मिराज-2000s 2568
3 सुखोई एसयू-30 एस 1074
5 एमआईजी 29 एस 770
हेरोइन ड्रोन 80
मिड एयर रिफ्यूलिंग टैंकर 22
AWACS 1750
जानिए क्या होते हैं लेजर गाइडेड बम
– भारत ने पहली बार अक्टूबर 2010 में लेजर गाइडेड बम सुदर्शन को तैयार किया था। यह बम डीआरडीओ और आईआरडीई द्वारा तैयार किया गया था।
– यह देश का पहला स्वेदशी लेजर गाइडेड बम है। इसे वायुसेना के लिए ही खासतौर पर तैयार किया गया था।
– इस बम का पहला परीक्षण ओडिशा के चांदीपुर में 21 जनवरी 2010 को किया गया था।
– इसे भारतीय वायुसेना में पहली बार मिग 27 में शामिल किया गया। बाद में इसे जुगवार, सुखोई, मिराज 2000 और मिग 29 में भी शामिल कर लिया गया।
– सुदर्शन बम की रेंज करीब 9 किमी है। हालांकि इसकी रेंज को 50 किमी तक बढ़ाने पर काम किया जा रहा है। एयरफोर्स के साथ ही यह नेवी में भी शामिल है।
– लेजर गाइडेड बम को सबसे पहले अमेरिका ने इस्तेमाल किया था। इसके बाद रूस, ब्रिटेन और फ्रांस ने भी इसे बनाया।
– इस बम की खासियत ये है कि यह एक न दिखाई देने वाली रोशनी के जरिए काम करता है। इसका निशाना एकदम सटीक होता है।
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