सोनभद्र। 16 फरवरी श्री राम कथा के छठे दिन के पश्चात कथावाचक श्री दिलीप कृष्ण भारद्वाज महाराज जी ने राम वन गमन भरत चरित्र का बड़ा ही सजीव वर्णन किया कथा में आप ने कहा कि योनी बड़ी कठोर होती है
जब श्री राम के राज्य अभिषेक की तैयारी चल रही थी सनी ने वनवास करा दिया यही राम का चरित्र है राजपाट कि त्रिशा को त्यागकर पिता के आदेश पर वन गमन स्वीकार किया अब जब घरों में रामायण व कथा का लोप हो रहा है तो ऐसे आदर्शों का भी रूप हो रहा है
करते हैं भाई हो तो भरत जैसा भरत जब राम को मनाने जाते हैं इस प्रसंग की चर्चा से सभी श्रोताओं की आंख से आंसू निकल जाते हैं राम ने उत्तर दक्षिण जोड़ा भेदभाव का बंधन तोड़ा भगवान श्री राम और निषाद राज का मिलन क्षमता सूचक है
राम बड़े दयालु हैं बिना भेदभाव के सबको गले लगाते हैं आज की आवश्यकता है हम सब भेदभाव छुआछूत के विचारों से ऊपर उठकर हरिजन गिरिजन सबको गले लगाएं तभी समाज व राष्ट्र मजबूत होगा यही राम का समाज को संदेश है आज के मुख्य जजमान संजय त्रिपाठी एवं शालिनी त्रिपाठी जी रहे मुख्य अतिथि श्री जयप्रकाश चतुर्वेदी गंगासागर दुबे सदर विधायक भूपेश चौबे जी अमरीश पटेल रहे विशेष उपस्थिति वीरेंद्र जायसवाल अजीत चौबे सुरेश शुक्ला राजेश अग्रहरि नंदलाल जी अनूप तिवारी स्वर व्यवस्था प्रमुख श्रवण जी संयोजक ओमप्रकाश दुबे जी आयोजन समिति मुरारी गुप्ता अजीत रावत जी अभिषेक गुप्ता जी बलराम सोनी जी पुष्पा सिंह जी मंजू गिरी जी बिमला देवी जी विनय श्रीवास्तव जी