बभनी/सोनभद्र(अरुण पांडेय) साफ सफाई के लिए सरकार द्वारा हर गांव में सरकार ने सफाई कर्मियों की नियुक्ति कर दी है लेकिन गांव में सफाई कर्मी लगभग नदारत रहते है।
गरीब आदिवासी इलाक़ा होने के नाते गांव वालों को यह भी पता नहीं चल पाता कि हमारे गांव में कोई सफाई कर्मी भी तैनात है क्योंकि सफाई कर्मी कभी भी गांवों में साफ सफाई करते हुये मिलते ही नहीं। यदि गांव में किसी बड़े अधिकारी या नेता मंत्रियों का आना जाना हो तो तत्त्काल अनेकों सफाई कर्मी वरदान स्वरूप प्राप्त हो जाते हैं ।
लेकिन आमतौर पर इनका दर्शन दुर्लभ हो जाता है और इनकी उपस्थिति शत् प्रतिशत लगाकर वेतन बिल पास कर दिया जाता है ।यदि आंकड़ों के अनुसार देखा जाय तो बभनी ब्लाक में कुल 40 ग्राम पंचायतों में 67 सफाई कर्मी तैनात हैं और 3 सफाईकर्मी कार्यालय से संबद्ध हैं इसके बावजूद भी विद्यालयों परिसरों व शौचालयों की स्थिति काफी दयनीय हो चुकी है विद्यालयों में साफ सफाई करने की जिम्मेदारी किसकी है।
अध्यापकों की बच्चों की या सफाई कर्मियों की। बेरोजगारी के मद्देनजर रखते हुए यदि एक सफाई कर्मी के एक महीने के वेतन में पांच संविदाकर्मियों को रखा जाय तो गांव की रौनक भी बदल जाएगी और स्वच्छ व सुंदर स्कूल का सपना पूरा करते हुए गांवों की बेरोजगारी में भी इजाफा होता ।अधिकारियों ,ग्राम प्रधानों व सफाई कर्मचारियों की कड़ी जांच कराते हुए सफाई कर्मियों की उपस्थिति विद्यालयवार लगवाई जानी चाहिए।
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