राजा दशरथ से केकई ने मांगा दो वरदान राम को 14 वर्ष वनवास हुआ भरत को राज्य तिलक

*श्री राम का राज्याभिषेक सुन देवता पहुचे विष्णु जी के पास
पंकज सिंह/रोहित सिंह@sncurjanchal

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म्योरपुर क्षेत्र में चल रही रामलीला जामपानी में रामविवाह,काचन में धनुष यज्ञ,किरविल में धनुष यज्ञ तथा म्योरपुर में चल रही 7वे दिन श्री राम बनवास का लीला का मंचन हुआ जनकपुरी से माता सीता के साथ प्रभु श्री राम अयोध्या को जाते है तथा दशरथ दरबार मे प्रभु श्री राम को राज्याभिषेक करने की बात कही गयी राज्याभिषेक की बात सुन देवताओं में खलबली मच जाती है देवता विष्णु जी के पास जाते है विष्णु जी के माता सरस्वती को आदेश देते है विष्णु जी के आदेश पर माता सरस्वती मंथरा के जिभ्या पर बैठ जाती है तथा मंथरा केकई महारानी के पास जा भारत लाल को राजतिलक तथा प्रभु श्री राम को 14 वर्ष को बनवास कहती है मंथरा की ये बात सुन केकई गुस्साती है लेकिन मंथरा केकई की बात मान लेती है तथा मंथरा की बात पर केकई कोप भवन को जाती है दासी आ राजा दशरथ को आकर बताती है दासी की बात सुन राजा दशरथ कोप भवन में जाकर केकई को मनाते है लेकिन केकई दशरथ जी से दी बरदान व बचन मांगती है तब दशरथ जी बोलते है रधु रीत सदा चली आयी प्राण जाए पर प्रतिज्ञा न जाये दशरथ जी का बात सुन केकई कहती है पहला वर मैं आप से मांगती है कि भरत लाल का राज्य तिलक हो तथा राम को 14 वर्ष को बनवास केकई की बात सुन दशरथ अचंभित हो जाते है तथा अपने बात पर अडिग हो दोनो वर केकई को दे देते है पिता की बात मान प्रभु श्री राम वन को जाने लगते है स्वामी को वन जाते देख माता सीता भी उनके साथ जाने को कहती है पत्नी की बात मान माता सीता को भी वन लेकर जाते है भैया भाभी को जाते देख लक्ष्मण जी भी भी साथ जाने को जिद को जिद जिद करते हैं भाई की जीत पर प्रभु श्री राम 14 वर्षो के लिये वन को जाते है रामलीला के ब्यास जी द्वारा हो गई सूनी अयोध्या राम बन अयोध्या राम बन सूनी अयोध्या राम बन जाने लगे वन जाते देख फूल भी मुरझाने फूल भी मुरझाने लगे चौपाई सुनकर दर्शक भाव विभोर होजाते है वही पुत्र मोह में राजा दशरथ अपने प्राण को त्याग देते हैं इस दौरान रसमलीला कमेटी के माहा प्रबन्धक गौरी शंकर सिंह,अध्यक्ष वीरेंद्र सोनी,कोषाध्यक्ष पंकज सिंह,सहकोषाध्यक्ष अंकित जायसवाल,मंत्री सन्दीप अग्रहरि,ब्यास नन्दलाल गुप्ता,मंच संचालन आशीष बिट्टू,अजय किया।

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