सोनभद्र(रवि पांडेय)सूबे की योगी सरकार की तमाम सख्ती के बावजूद भी सोनभद्र जिले में अवैध खनन और परिवहन पर जिला प्रशासन रोक लगा पाने में सक्षम नही दिखता है ।
यही कारण है कि ओबरा थाना क्षेत्र में निर्माणाधीन 1320 मेगावाट की निर्माणाधीन ओबरा-सी बिजली परियोजना में अधिकारियों की मिलीभगत से जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है ।ओबरा सी परियोजना के समतलीकरण का कार्य नियमविरुद्ध तरीके से रात में किया जाता है और रात के अंधेरे में ही ट्रकों को लगा कर इन पत्थरों को निजी स्टोन क्रेशर पर बेच दिया जाता है ।
जबकि इन पत्थरो का स्टॉक करके नीलामी की प्रक्रिया होनी है । इस तरह प्रदेश सरकार को बिजली विभाग और खनिज विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से करोड़ों के राजस्व का चूना लगाया जा रहा है और दूसरी तरफ जिला प्रशासन ने इस तरफ से अपनी आंखें मूंद रखी हैं।
बताते चले कि सोनभद्र के ओबरा इलाके में निर्माणाधीन ओबरा सी बिजली परियोजना में जमीन के समतलीकरण का कार्य किया जा रहा है। जिसका ठेका कोरियाई कम्पनी “दूसान” को दिया गया है। परियोजना क्षेत्र में आने वाली पहाड़ियों के समतलीकरण में निकले पत्थर की नीलामी खनिज विभाग द्वारा की जानी है लेकिन खनिज विभाग और बिजली विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से रात में जमकर कार्य किया जाता है और रात ही में ट्रकों को लगा कर के निजी स्टोन क्रेशर्स पर इन पत्थरों को चोरी से बेच दिया जाता है। लेकिन मिलीभगत के चलते जिला प्रशासन भी करोड़ों के राजस्व की चोरी के मामले में कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है।
इस मामले में ट्रक ड्राइवर रामदेव ने बताया कि दुसान कंपनी से बोल्डर लेकर प्राइवेट क्रेसर मालिक विरखा के यहां जा रहे है।
वही इस पूरे मामले पर स्थानीय महताब आलम ने बताया को रात के अंधेरे के धड़ल्ले से पत्थर लोग करके लोग ले जा रहे है।
जब इस बारे में खनिज अधिकारी अनंत कुमार सिंह से बात की गई तो उन्होंने स्पष्ट कहा कि परियोजना द्वारा रात में किसी भी प्रकार का खनन कार्य और ना ही परिवहन किया जा सकता है समतलीकरण के कार्य में निकले पत्थरों को निजी स्टोन क्रेशर्स पर भी नहीं बेचना है। उन्होंने कहा कि अगर रात में पत्थरों को निकालकर के बेचा जा रहा है तो इस पर जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।
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