शिकायतकर्ता को भी कोर्ट ने जारी की है नोटिस
दहेज की मांग पूरी नहीं होने पर प्रियंका की हत्या करने का है आरोप
राजेश पाठक/सर्वेश कुमार
सोनभद्र। दहेज हत्या के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति सिद्धार्थ व न्यायमूर्ति सैयद कमर हशन रिजवी की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए सास-ससुर की गिरफ्तारी पर रोक लगा दिया। यह आदेश इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता ओपी पाल के जरिए एफआईआर के विरुद्ध दाखिल की गई याचिका पर कोर्ट ने दिया है। इसके अलावा शिकायतकर्ता को भी कोर्ट ने नोटिस जारी किया है।
बता दें कि 12 जून 2024 को घोरावल थाने में दी तहरीर में रामकिसुन पुत्र बलदेव निवासी खोरडीह चंदनपुर, थाना राजगढ़, जिला मिर्जापुर ने अवगत कराया था कि उसने अपनी पौत्री प्रियंका पुत्री राजबली की शादी 4 वर्ष पूर्व रमेश पुत्र कल्लू निवासी वीरकला, थाना घोरावल, जिला सोनभद्र के साथ हुई थी। शादी के कुछ दिन बाद से ही पति रमेश, सास इंद्रावती व ससुर कल्लू द्वारा पौत्री प्रियंका को दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाने लगा। कई बार ससुराल वालों को समझाया गया, लेकिन उनके ऊपर कोई असर नहीं हुआ। बल्कि कुछ दिन शांत रहने के बाद पुनः मारपीट करने लगते थे। बावजूद इसके पौत्री प्रियंका सबकुछ बर्दाश्त करती रही। अपनी एक वर्ष की छोटी बच्ची के लिए प्रियंका 10 जून 2024 को रात्रि में अपनी बहन के यहां फोन की थी और बताई थी कि उसका पति, सास और ससुर उसे मारपीट रहे हैं और जान मारने की धमकी भी दे रहे हैं। प्रियंका फोन पर बात करते समय रो रही थी और काफी डरी हुई थी। प्रियंका के ससुराल के गांव के किसी व्यक्ति ने फोन करके बताया कि प्रियंका की मौत हो गई है। यह फोन सुबह 5 बजे आया तो सुनकर स्तब्ध रह गया। इसके बाद गांव घर के लोगों को साथ लेकर वीरकला पहुंचा तो देखा कि प्रियंका की हत्या कर दी गई थी। इतना ही नहीं उसे आत्महत्या की शक्ल देने की कोशिश ससुराल वालों द्वारा की जा रही थी। जबकि प्रियंका के पैर में बांधने के निशान थे। इस घटना की सूचना ससुराल वालों द्वारा न तो हमलोगों को और न ही पुलिस को सूचना दी गई। बल्कि हमलोगों के पहुंचने के बाद किसी ने पुलिस को सूचना दे दिया। तब जाकर अंतिम संस्कार को पुलिस ने रोकवा दिया। इस तहरीर पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना शुरू कर दिया। पुलिस आरोपी सास इंद्रावती और ससुर कल्लू की गिरफ्तारी करने की फिराक में पड़ गई है। गिरफ्तारी से बचने के लिए अधिवक्ता के जरिए इलाहाबाद हाईकोर्ट में यह याचिका दायर की गई थी।
मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के एडवोकेट ओपी पाल ने जांच अधिकारी द्वारा दर्ज किए गए गवाहों के बयान पेश किए हैं, जिससे पता चलता है कि दहेज की मांग केवल मृतिका के पति द्वारा की गई थी। 22 अगस्त 2024 को मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सास इन्द्रावती और ससुर कल्लू की गिरफ्तारी पर रोक लगा दिया है। वहीं शिकायतकर्ता को भी नोटिस जारी किया है।
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