सोनभद्र में एम्स एवं केंद्रीय विश्वविद्यालय की उठी मांग

सोनभद्र का 35वां स्थापना दिवस केक काटकर मनाया गया

राबर्ट्सगंज कचहरी परिसर स्थित वादकारी विश्रामालय में हुआ आयोजन

राजेश पाठक/सर्वेश श्रीवास्तव

सोनभद्र। अलग पूर्वांचल राज्य की मांग का रहे संगठन पूर्वांचल राज्य जनमोर्चा एवं भारतीय विधिक सहायता एसोसिएशन के सयुक्त तत्वाधान में सोनभद्र जनपद का 35 वां स्थापना दिवस सोमवार को अधिवक्ता भवन, तहसील परिसर, रार्वट्सगंज में केक काटकर मनाया गया।वक्ताओं ने सोनभद्र में एम्स और केंद्रीय विश्व विद्यालय की मांग उठाई। राष्ट्रीय अध्यक्ष संदीप जायसवाल की अध्यक्षता में वरिष्ठ अधिवक्ता मुरलीधर शुक्ल व डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ अतुल प्रताप पटेल द्वारा केक काटकर

स्थापना मनाया गया। पवन कुमार सिंह एड राष्ट्रीय महासचिव पूर्वांचल राज्य जनमोर्चा ने कहा कि 04 मार्च 1989 को जिले की आधारशिला रखी गई। इसके तीन दशक बाद भी यहां का अपेक्षित विकास नहीं हो सका। स्थापना दिवस के अवसर पर मांग किया कि यहां एम्स जैसे एक उच्च स्तरीय स्वास्थ्य संस्थान एवं केंद्रीय विश्वविद्यालय बने, जिससे छात्र पढ़ सके। नए कल काखाने बने जिससे स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार मिले। जनपद में जनहित के काम होने चाहिए जनसरोकारी सोच होनी चाहिए जिससे की जनपद का चहुमुखी विकास हो सके। पूर्व महामंत्री डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन विमल प्रताप सिंह एडवोकेट ने कहा कि सोनभद्र उत्तर प्रदेश मे क्षेत्रफल के हिसाब से बड़ा जिला है। यह भारत का एकमात्र जिला है जो चार राज्यों की सीमा में है, अर्थात् पश्चिम में मध्य प्रदेश, दक्षिण में छत्तीसगढ़, दक्षिण-पूर्व में झारखंड और उत्तर-पूर्व में बिहार। सोनभद्र जिला एक औद्योगिक क्षेत्र है और इसमें बहुत सारे बॉक्साइट, चूना पत्थर, कोयला, सोना आदि हैं। इसे “भारत की ऊर्जा राजधानी” कहा जाता है क्योंकि यहां बहुत सारे बिजली संयंत्र हैं। और कैमूर वाइल्डलाइफ सैंक्चुअरी, सलखन जीवाश्म पार्क, विजयगढ़ किला, अगोरी फोर्ट, मुक्खा वॉटरफाल जैसे स्थलों के साथ रॉक पेंटिंग जल्द ही पर्यटन मानचित्र पर अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज कराएगी। मोर्चा के राष्ट्रीय सचिव अशोक कनौजिया एड ने कहा कि सोनभद्र के चारों तरफ चार प्रदेशों का पहरा है। यहां अकूत खनिज संपदा को सोनभद्र समेटे है।राजस्व, पर्यटन, कल कारखाने के मामले में काफ़ी धनी हैं। इसे लोग मिनी गोवा कहते हैं। सोनभद्र का नाम सोननद के कारण सोनभद्र पड़ा है। इस अवसर पर राजेश यादव एड, सुधेंदू भूषण शुक्ल एड, शारदा प्रसाद मौर्या एड, रमेश चंद्र सिंह एड, मनीष सिन्हा एड, अनूप शुक्ल, नवीन पांडेय, संतोष चतुर्वेदी, दीपनारायण पटेल आदि लोग मौजूद रहे !

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