दुष्कर्म के दोषी अमित यादव को 10 वर्ष की कठोर कैद

एक लाख 50 हजार रूपये अर्थदंड, न देने पर छह माह की अतिरिक्त कठोर कैद भुगतनी होगी

  • जेल में बिताई अवधि सजा में समाहित की जाएगी
  • अर्थदंड की धनराशि में से एक लाख 20 हजार रूपये पीड़िता को मिलेगी
  • साढ़े सात वर्ष पूर्व नाबालिग दलित लड़की के साथ हुए दुष्कर्म का मामला
  • विधि संवाददाता/राजेश पाठक

सोनभद्र। साढ़े सात वर्ष पूर्व नाबालिग दलित लड़की के साथ हुए दुष्कर्म मामले में अपर सत्र न्यायाधीश / विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट सोनभद्र अमित वीर सिंह की अदालत ने बुधवार को सुनवाई करते हुए दोषसिद्ध पाकर दोषी अमित यादव को 10 वर्ष की कठोर कैद एवं एक लाख 50 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर छह माह की अतिरिक्त कठोर कैद भुगतनी होगी। जेल में बिताई अवधि सजा में समाहित की जाएगी। वहीं अर्थदंड की धनराशि में से एक लाख 20 हजार रूपये पीड़िता को मिलेगी। अभियोजन पक्ष के मुताबिक पन्नूगंज थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी पीड़िता की मां ने पन्नूगंज थाने में दी तहरीर में अवगत कराया था कि 5 अप्रैल 2016 को वह अपने गांव गई थी। इसी दौरान शाम 6 बजे उसकी नाबालिग बेटी को बहला फुसलाकर ब्लाक रोड रामगढ़ निवासी एक युवक भागा ले गया। आवश्यक कार्रवाई करें। इस तहरीर पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना किया। विवेचना के दौरान अमित यादव पुत्र सुमेर यादव निवासी पकरहट, थाना पन्नूगंज, जिला सोनभद्र का नाम प्रकाश में आया। पर्याप्त सबूत मिलने पर विवेचक ने कोर्ट में अपहरण,दुष्कर्म और पाक्सो एक्ट में चार्जशीट दाखिल किया था। मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषी अमित यादव को 10 वर्ष की कठोर कैद एवं एक लाख 50 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर छह माह की अतिरिक्त कठोर कैद भुगतनी होगी। जेल में बिताई अवधि सजा में समाहित की जाएगी। वहीं अर्थदंड की धनराशि में से एक लाख 20 हजार रूपये पीड़िता को मिलेगी। अभियोजन पक्ष की तरफ से सरकारी वकील दिनेश कुमार अग्रहरी, सत्य प्रकाश त्रिपाठी एवं नीरज कुमार सिंह ने बहस की।

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