प्रत्येक परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की उठी मांग!
सोनभद्र। प्रथम आदिवासी महिला राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के शपथग्रहण के अवसर पर सोमवार को आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट और आदिवासी वनवासी महासभा ने जिले भर में आदिवासी समाज के संवैधानिक-लोकतांत्रिक
अधिकारों के लिए हस्ताक्षर अभियान चलाया गया। इस मौके पर आदिवासियों व आइपीएफ से जुड़े लोगों ने राष्ट्रपति को संबोधित पत्रक पर हस्ताक्षर कर राष्ट्रपति भवन के आफिसियल ट्विटर हैंडल को ट्वीट किया। नवनिर्वाचित राष्ट्रपति से अपील की गई कि कोल व धांगर को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने, हर परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी, मनरेगा में 200 दिन काम व कम से कम केन्द्र सरकार द्वारा कृषि मजदूरों के लिए निर्धारित 376 रूपये मजदूरी, आदिवासी बाहुल्य दुद्धी क्षेत्र में आदिवासी छात्राओं के लिए डिग्री कालेज खोलने जैसे सवालों को हल करने के लिए हस्तक्षेप करने और दिशानिर्देश जारी करने की अपील की गई। हस्ताक्षर अभियान के लिए रासपहरी में जुटे आदिवासियों व पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट जिला संयोजक कृपा शंकर पनिका ने कहा कि परंपरागत तौर पर आदिवासी मानी जाने वाले कोल व धांगर समाज को अनुसूचित जनजाति का दर्जा न मिलना आदिवासियों की उपेक्षा व अन्याय का ज्वलंत उदाहरण है। कहा कि शिक्षा-स्वास्थ्य व रोजगार जैसे बुनियादी सवालों को लेकर सरकार की उपेक्षा का सर्वाधिक खामियाजा आदिवासियों व गरीबों को भुगतना पड़ता है। कहा कि अगर जनपद में सिंचाई हेतु समुचित व्यवस्था की गई होती तो आज अकाल जैसे हालात पैदा न होते। आदिवासी वनवासी महासभा के अध्यक्ष राजेन्द्र प्रसाद गोंड़ ने कहा जंगल की जमीनों पर पुश्तैनी तौर पर बसे व जोत कोड़ रहे आदिवासियों व वन आश्रितों की आजीविका की गारंटी के लिए बने वनाधिकार कानून को 15 साल बीत जाने के बाद भी लागू न किया जाना आदिवासियों व वन आश्रितों के साथ अन्याय है। अकाल जैसी स्थिति से निपटने के लिए प्रभावी कदम की मांग करते हुए कहा कि कम से कम मनरेगा में 200 दिन काम और केंद्र सरकार द्वारा कृषि मजदूरों के लिए निर्धारित 376 रू से ज्यादा मजदूरी दर करने और समयबद्ध भुगतान सुनिश्चित करने की गारंटी की जाये।
घोरावल क्षेत्र में हस्ताक्षर अभियान का नेतृत्व कर रहे मजदूर किसान मंच के घोरावल संयोजक सदानंद कोल, घोरावल आइपीएफ प्रवक्ता श्रीकांत सिंह, युवा मंच अध्यक्ष सूरज कोल व लक्ष्मण कोल ने कहा प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर होने के बावजूद आदिवासी बाहुल्य सोनभद्र जनपद बेहद पिछड़ा हुआ है। जबकि केन्द्र व राज्य सरकार के राजस्व में यह जिला योगदान देने में अग्रणी भूमिका है। आइपीएफ द्वारा नवनिर्वाचित राष्ट्रपति को प्रेषित पत्रक में युवा मंच की जिलाध्यक्ष रूबी सिंह गोंड़ समेत युवा मंच से जुड़े सदस्यों व आदिवासी छात्राओं ने भी बड़ी संख्या हस्ताक्षर किया है। रास पहरी में हस्ताक्षर अभियान के दौरान तमाम आदिवासी छात्राएं व युवा मंच कार्यकर्ता मौजूद रहे। इस मौके पर उन्होंने कहा कि जनपद में शिक्षा-स्वास्थ्य और रोजगार सृजन के मामले में जनपद बेहद पिछड़ा हुआ है। आदिवासियों के नाम पर केंद्र व राज्यों द्वारा तमाम योजनाओं की घोषणा की गई लेकिन अभी भी जमीनी स्तर पर इनका क्रियान्वयन नगण्य है। कहा कि आदिवासी बाहुल्य जनपद में आदिवासी महिला डिग्री कालेज की मांग को भी अनसुना किया जा रहा है। उम्मीद जताई कि इस मामले में नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो आदिवासी पृष्ठभूमि से भी हैं आदिवासी छात्राओं की शिक्षा के लिए प्रभावी कार्यवाही करेंगी। हस्ताक्षर अभियान में मंगरू प्रसाद गोंड़, मनोहर गोंड़, राम विचार गोंड़, सविता गोंड़, सुगवंती गोंड़, गुंजा गोंड़ आदि लोग शामिल रहे।